कर्नाटक: हिजाब पर प्रतिबंध हटाने की चर्चाओं पर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने, सिद्धारमैया ने दी सफाई
क्या है खबर?
कर्नाटक में सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने राज्य में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध हटाने की घोषणा की है। इस घोषणा के बाद से विवाद खड़ा हो गया है।
इस मुद्दे को लेकर भाजपा और कांग्रेस के नेताओं में जुबानी जंग तेज हो गई है। भाजपा ने इसे कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति करार दिया है।
बयानबाजी बढ़ने के बाद अब सिद्धारमैया ने बयान को लेकर सफाई भी दी है।
हिजाब
सिद्धारमैया ने क्या घोषणा की?
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने 22 दिसंबर को कहा था कि उन्होंने अधिकारियों से हिजाब पर प्रतिबंध वापस लेने को कहा है।
एक समारोह में उन्होंने कहा, "हम पीछे हट जायेंगे। आप हिजाब पहनकर जा सकती हैं। मैंने उनसे आदेश वापस लेने को कहा है।"
हालांकि, आज सिद्धारमैया ने कहा, "किसी ने मुझसे हिजाब पर प्रतिबंध हटाने को लेकर सवाल पूछा, जिस पर मैंने कहा कि सरकार इसे रद्द करने पर विचार कर रही है।"
आरोप
भाजपा ने लगाया मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, "यह महज हिजाब पर प्रतिबंध नहीं उठाया है, बल्कि शरिया कानून को स्थापित किया है।"
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ बीएस येदियुरप्पा ने कहा, "किसी ने भी इस हिजाब फैसले को वापस लेने की मांग नहीं की है। केवल मुसलमानों को खुश करने के लिए सिद्धारमैया ने ये बात कही है।"
कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को धार्मिक आधार पर बांट रही है।
पलटवार
कांग्रेस ने किया पलटवार
भाजपा के आरोपों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने कहा कि यह कदम कानून के तहत उठाया जा रहा है। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
कर्नाटक के मंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे ने कहा, "कर्नाटक सरकार जो कुछ भी कर रही है वह कानून और संविधान के ढांचे के अनुसार है। भाजपा के पास करने के लिए कोई काम नहीं है, उन्हें पहले अपना घर ठीक करना चाहिए।"
जानकारी
हिजाब प्रतिबंध हटाने के फैसले का समर्थन और कौन कर रहा है?
इस फैसले को राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी और कर्नाटक के मंत्री मधु बंगारप्पा और एचके पाटिल ने अपना समर्थन दिया है। सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के नेता अफसर कोडलिपेट ने भी फैसले का स्वागत किया।
विवाद
क्या है हिजाब विवाद और कैसे शुरू हुआ था?
दरअसल, इसकी शुरुआत 28 दिसंबर, 2021 को हुई थी जब उडुपी में सरकारी पीयू कॉलेज ने 6 छात्राओं को हिजाब पहनने पर कक्षाओं में प्रवेश की अनुमति नहीं दी।
छात्राओं ने इसके खिलाफ प्रदर्शन किया और कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी। तब हाई कोर्ट ने हिजाब पर प्रतिबंध को सही ठहराया था।
इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने अपील की गई थी, जिस पर कोर्ट ने विभाजित फैसला सुनाया था।