कर्नाटक: किताब में टीपू सुल्तान के तौर पर दिखाए गए कांग्रेस नेता सिद्धारमैया, विवाद
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने भाजपा पर उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 'सिद्दू निजाकानासुंगलू' नाम की किताब उन्हें बदनाम करने के इरादे से लिखी गई है। इस किताब के कवर पेज पर सिद्धारमैया को टीपू सुल्तान के तौर पर दिखाया गया है। इस किताब का उच्च शिक्षा मंत्री सीएन अश्वथ नारायण विमोचन करने वाले थे, लेकिन एक अदालत ने इस पर रोक लगा दी।
क्या है पूरा मामला?
'सिद्दू निजाकानासुंगलू' नामक किताब में सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कथित कुशासन और उनकी "तुष्टिकरण की राजनीति" पर लिखा गया है। यह कथित तौर पर उनके कार्यकाल से जुड़े कुछ विवादास्पद और सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील मुद्दों और घटनाओं को उजागर करती है। विमोचन कार्यक्रम के पोस्टर्स पर किताब की कुछ प्रतियां दिखाई गई थीं, जिसमें इसके कवर पेज पर सिद्धारमैया टीपू सुल्तान जैसी पोशाक पहने और तलवार लिए दिख रहे हैं।
किताब को लेकर क्या बोले सिद्धारमैया?
सिद्धारमैया ने मामले पर कहा, "जिसको पीलिया हुआ हो, उसे सबकुछ पीला दिखता है। टीपू सुल्तान जैसी ड्रेस किसने पहनी थी और अपने हाथ में तलवार ली थी? क्या येदियुरप्पा और शोभा करलांदजे ने ऐसा नहीं किया था। टीपू सुल्तान पर शेख अली की पुस्तक की प्रस्तावना किसने लिखी थी? यह दोगलापन नहीं है? वे (भाजपा) चुनाव से पहले जानबूझकर मुझे अपमानित करने के लिए किताब ला रहे हैं... मैं देखूंगा कि कानूनी तौर पर क्या किया जा सकता है।"
विमोचन को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री नारायण ने किया था ट्वीट
इस कार्यक्रम को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री नारायण ने अपने ट्वीट में लिखा, 'मैं इस किताब के माध्यम से कई संवेदनशील मुद्दों का खुलासा करने के साथ-साथ कई सवालों के जवाब खोजने के प्रयास की सराहना करता हूं। मैं इसके सार्वजनिक विमोचन में भाग लेने जा रहा हूं।' इस किताब का विमोचन उन्हें ही करना था। इस कार्यक्रम में पाठ्यपुस्तक समीक्षा समिति का नेतृत्व करने वाले लेखक रोहित चक्रतीर्थ और अन्य भाजपा नेताओं को भी शामिल होना था।
बेंगलुरू की अदालत ने किताब के विमोचन पर लगाई रोक
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति ने किताब के विमोचन पर आपत्ति जताई थी और पुलिस से कानून-व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस कार्यक्रम को रद्द करने की मांग की थी। सिद्धारमैया के बेटे डॉ यतींद्र ने मामले में बेंगलुरू की एक अदालत में याचिका भी दायर की थी और उससे इसके विमोचन पर रोक लगाने की मांग की थी। सोमवार को मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने इस पर रोक लगा दी।
कर्नाटक में टीपू सुल्तान को लेकर होते रहे हैं विवाद
कर्नाटक में टीपू सुल्तान को लेकर पहले भी विवाद हुआ था। कर्नाटक सरकार ने पिछले साल दिसंबर में मैसूर के शासक टीपू सुल्तान के मंदिरों में होने वाली आरतियों का नाम बदलने का फैसला किया था। इन आरतियों को सैकड़ों साल पहले टीपू सुल्तान के सम्मान में कोल्लूर में शुरू किया गया था। सरकार ने 'दीवतिगे सलाम' का नाम बदलकर 'दीवतिगे नमस्कार' और 'सलाम आरती' का नाम बदलकर 'आरती नमस्कार' करने का फैसला लिया था।
न्यूजबाइट्स प्लस
टीपू सुल्तान का जन्म 20 नवंबर, 1750 को कर्नाटक के देवनाहल्ली में हुआ था। उनके पिता हैदर अली मैसूर साम्राज्य के सामान्य सैनिक थे, जो बाद में शासक बने। टीपू सुल्तान को दुनिया का पहला मिसाइल मैन माना जाता है। लंदन के साइंस म्यूजियम में उनके रॉकेट रखे हुए हैं। वो केवल योग्य शासक और योद्धा नहीं बल्कि विद्वान भी थे। अंग्रेजों का मुकाबला करते हुए 4 मई, 1799 को उनकी मौत हो गई।