कर्नाटक: मुख्यमंत्री ने किया विभागों का बंटवारा, पहली बार मंत्री बने नेताओं को अहम मंत्रालय
क्या है खबर?
कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शुक्रवार को अपने मंत्रीमंडल में शामिल किए गए 29 मंत्रियों को विभाग का बंटवारा कर दिया है।
के सुधाकर पहले की तरह स्वास्थ्य मंत्री बनी रहेंगे, वहीं वित्त, बेंगलुरु विकास और कैबिनेट मामलों के प्रमुख विभागों को मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने अपने पास रखा है।
कई विभागों का बंटवारा चौंकाने वाला माना जा रहा है और पहली बार मंत्री बने नेताओं को अहम मंत्रालय सौंपे गए हैं।
जानकारी
पहली बार मंत्री बने नेताओं को मिले अहम मंत्रालय
पहली बार मंत्री बने वी सुनील कुमार को कन्नड़ और संस्कृति मंत्रालय के साथ-साथ ऊर्जा विभाग का प्रभार भी दिया गया है। इसी तरह पहली बार मंत्री बनने वाले अराज्ञा ज्ञानेंद्र को गृह विभाग दिया गया है।
पहली बार मंत्रिमंडल में शामिल हुए बीसी नागेश को एस सुरेश कुमार की जगह प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बनाया गया है। उच्च शिक्षा और IT विभाग पहले की तरह सीएन अश्वत नारायण के पास रहेंगे।
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अधिकतर मंत्रियों की जिम्मेदारी में बदलाव नहीं
बृह्त बेंगलुरू महानगर पालिका (BBMP) के आगामी चुनावों को देखते हुए लग रहा था कि बेंगलुरू विकास के लिए अलग मंत्री बनाया जाएगा, लेकिन मुख्मयमंत्री ने यह विभाग अपने पास रखा है।
गोविंद कारजोल को जल संसाधन, सीसी पाटिल को पब्लिक वर्क्स, एस श्रीरामुलु को परिवहन और मुरुगेश निरानी को औद्योगिक विभाग देने के अलावा मंत्रीमंडल में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है।
अधिकतर मंत्रियों के विभागों में कोई बदलाव देखने को नहीं मिला है।
बयान
किसी मंत्री ने नहीं की खास विभाग की मांग- बोम्मई
मंत्रीमंडल में शामिल एकमात्र महिला शशिकला जोल्ले को वक्फ और हज विभाग दिया गया है। पहले उनके पास महिला और बाल विकास विभाग था। भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद उनसे यह विभाग लेकर हलप्पा अचार को दे दिया गया है।
विभागों के बंटवारे के बाद मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि किसी मंत्री ने किसी खास विभाग की मांग नहीं की थी। उन्होंने कहा, "मैं सबसे भाग्यशाली मुख्यमंत्री हूं क्योंकि किसी मंत्री ने भी विभाग के लिए दबाव नहीं बनाया।"
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येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री बने हैं बोम्मई
बसवराज बोम्मई ने 28 जुलाई को कर्नाटक के 23वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है। बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद पार्टी ने उन्हें विधायक दल का नेता चुना और मुख्यमंत्री के तौर पर उनके नाम का ऐलान किया।
येदियुरप्पा सरकार में बोम्मई दूसरे नंबर के नेता माने जाते थे। गृह मंत्रालय के अलावा उनके पास कानून मंत्रालय भी था। उन्होंने जल संसाधन एवं सहयोग मंत्रालय के साथ-साथ हवेरी और उडुपी जिलों का प्रभार भी संभाला है।