हिजाब विवाद: कर्नाटक में धारा-144 का उल्लंघन करने पर 10 छात्राओं के खिलाफ FIR दर्ज
कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद मामले में सरकार और पुलिस की ओर से लगातार समझाइश करने के बाद भी विरोध-प्रदर्शन थम नहीं रहा है। आठ जिलों में धारा-144 लागू होने के बाद भी छात्राएं हिजाब की अनुमति की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही है। ऐसे में अब पुलिस ने सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। पुलिस ने धारा-144 का उल्लंघन कर विरोध करने के मामले में 10 छात्राओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
कर्नाटक हाई कोर्ट ने दिया धार्मिक ड्रेस पहनने की जिद नहीं करने का आदेश
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, कर्नाटक होई कोर्ट की तीन जजों वाली बड़ी बेंच ने 9 फरवरी को मामले में सुनवाई करते हुए छात्र-छात्राओं को फैसला आने तक धार्मिक ड्रेस पहनने की जिद नहीं करने और सरकार को स्कूल-कॉलेजों को फिर से खोलने के आदेश दिए थे। इसके बाद सरकार ने 14 फरवरी से 10वीं तक के स्कूल और 16 फरवरी से कॉलेज को खोल दिया था। इसके बाद भी मुस्लिम छात्राएं हिजाब की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही है।
सरकार ने आठ जिलों में लगाई थी धारा-144
कर्नाटक सरकार ने कॉलेजों को फिर से खोलने के बाद विरोध को रोकने के लिए आठ जिलों में धारा-144 लागू की थी। इसके बाद भी 17 फरवरी को तुमकुर में गर्ल्स एम्प्रेस गवर्नमेंट पीयू कॉलेज की कई छात्राएं हिजाब पहनकर पहुंच गई। इसको लेकर कॉलेज प्रशास ने उन्हें हाई कोर्ट के अंतरिम आदेश का हवाला देते हुए कक्षाओं में प्रवेश नहीं दिया। इसके बाद छात्राएं कॉलेज के बाहर धरने पर बैठ गई और नारे लगाकर प्रदर्शन शुरू कर दिया।
पुलिस ने 10 छात्राओं के खिलाफ दर्ज किया मामला
तुमकुर पुलिस ने बताया कि मामले में अब विरोध-प्रदर्शन करने वाली 10 छात्राओं के खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 144 के तहत जारी निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के आरोप में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 143, 145, 188 और 149 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि निषेधाज्ञा के दौरान किसी भी प्रकार के विरोध-प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी और दोषियों से सख्ती से निपटा जाएगा।
शिमोगा में भी दर्ज किया गया है मामला
इधर, शिमोगा पुलिस ने मुस्लिम छात्राओं को कॉलेज में हिजाब पहनने की अनुमति देने की मांग को लेकर विरोध करने वाले कुछ लोगों के खिलाफ निषेधाज्ञा के उल्लंघन का मामला दर्ज किया है। इसके अलावा कई लोगों को पाबंद किया गया है।
क्या है कर्नाटक में चल रहा हिजाब विवाद?
कर्नाटक में हिजाब विवाद की शुरूआत 28 दिसंबर को उडुपी के पीयू कालेज में छह छात्राओं को हिजाब पहनने पर कक्षाओं में प्रवेश न देने इसे हुई थी। इसके बाद छात्राओं ने प्रदर्शन शुरू कर दिया और हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी। कई छात्र विरोध में उतर आए और यह उडुपी से दूसरे जिलों में भी फैल गया। कर्नाटक हाई कोर्ट मामले में लगातार सुनवाई कर रहा है और दोनों पक्षों की दलीलें सुनी जा रही है।
कर्नाटक सरकार ने हाई कोर्ट में यह दलील
इस मामले में शुक्रवार को हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान कर्नाटक सरकार ने दलील दी कि हिजाब इस्लाम की आवश्यक धार्मिक प्रथा यानी अनिवार्य नहीं है और इसके उपयोग को रोकना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन नहीं करता है। वहीं, याचिकाकर्ताओं के वकील विनोद कुलकर्णी ने कहा है कि हिजाब पर प्रतिबंध पवित्र कुरान पर प्रतिबंध लगाने जैसा है। इससे पहले उन्होंने हिजाब के अन्य धर्मों के चिन्हों से भी तुलना की थी।