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वक्फ विधेयक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी DMK, स्टालिन बोले- ये संविधान पर हमला
DMK वक्फ विधेयक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी

वक्फ विधेयक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी DMK, स्टालिन बोले- ये संविधान पर हमला

लेखन आबिद खान
Apr 03, 2025
05:41 pm

क्या है खबर?

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने वक्फ (संशोधन) विधेयक का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने इसे 'संविधान पर हमला' और 'धार्मिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाने वाला कृत्य' बताते हुए कहा कि उनकी पार्टी यानी द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (DMK) विधेयक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। लोकसभा से वक्फ विधेयक पारित होने के विरोध में स्टालिन आज तमिलनाडु विधानसभा में काली पट्टी बांधकर पहुंचे। स्टालिन ने विधेयक पारित करने के तरीके पर भी सवाल उठाए।्

बयान

स्टालिन बोले- विरोध के बावजूद पारित किया गया विधेयक

स्टालिन ने कहा, "इस विवादास्पद विधेयक के खिलाफ DMK की ओर से सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया जाएगा। तमिलनाडु केंद्र सरकार के कानून के खिलाफ लड़ेगा, जो वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता को नष्ट करता है और अल्पसंख्यक मुस्लिम आबादी के लिए खतरा है। यह निंदनीय है कि वक्फ अधिनियम में संशोधन को 232 सांसदों के विरोध में वोट देने के बावजूद पारित कर दिया गया। यह कोई सामान्य संख्या नहीं है, बल्कि यह संख्या बढ़ भी सकती है।"

पत्र

स्टालिन ने प्रधानमंत्री को भी लिखा पत्र

वक्फ मुद्दे पर स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा, 'भारत का संविधान प्रत्येक नागरिक को अपने-अपने धर्मों का पालन करने का अधिकार देता है और इस अधिकार को बनाए रखना और उसकी रक्षा करना निर्वाचित सरकारों का कर्तव्य है। हालांकि, वक्फ अधिनियम, 1995 में प्रस्तावित संशोधनों में अल्पसंख्यकों को दिए गए संवैधानिक संरक्षण को ध्यान में नहीं रखा गया है और इससे मुस्लिम समुदाय के हितों को गंभीर नुकसान पहुंचने की आशंका है।'

प्रस्ताव

स्टालिन ने विधेयक के विरोध में पारित किया प्रस्ताव

इससे पहले 27 मार्च को स्टालिन ने वक्फ विधेयक के विरोध में तमिलनाडु विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया। तब स्टालिन ने कहा था, "इस देश पर शासन करने वाली किसी भी सरकार को नस्ल, भाषा, धर्म, पूजा स्थलों और संस्कृतियों की विविधता के बीच व्याप्त सांप्रदायिक सद्भाव को ध्यान में रखना चाहिए। यह इसका मार्गदर्शक सिद्धांत होना चाहिए।" प्रस्ताव में कहा गया था कि यह बिल अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय को गंभीर नुकसान पहुंचाएगा और इसे वापस लिया जाना चाहिए।

विधेयक

विधेयक के पक्ष में 288 वोट

वक्फ विधेयक कल देर रात लोकसभा से पारित हो गया। विधेयक के पक्ष में 288, जबकि विरोध में 232 वोट पड़े। इस दौरान खूब हंगामा भी हुआ और विधेयक पर करीब 12 घंटे चर्चा हुई। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने विधेयक की प्रति फाड़कर विरोध जताया। आज विधेयक को राज्यसभा में पेश किया गया है। संख्याबल को देखते हुए लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी विधेयक आसानी से पारित हो जाएगा।