उत्तर प्रदेश और बिहार के हिंदी भाषी तमिलनाडु में शौचालय साफ करते हैं- DMK सांसद
द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (DMK) के एक और नेता विवादित बयान के चलते सुर्खियों में है। इस बार DMK के सांसद दयानिधि मारन ने उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों से जुड़ा विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार से तमिलनाडु आने वाले हिंदी भाषी निर्माण कार्य करते हैं या सड़कों और शौचालयों की सफाई करते हैं। उनके इस बयान पर भाजपा और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) आदि दलों ने नाराजगी जाहिर की है।
क्या बोले मारन?
मारन ने एक रैली में कहा, "उत्तर प्रदेश और बिहार के हिंदी बोलने वाले लोग हमारे राज्य में आकर शौचालय और सड़क साफ करते हैं। वे सिर्फ हिंदी सीखते हैं। उन्हें अंग्रेजी बोलनी नहीं आती। जो अंग्रेजी सीखते हैं, वे IT कंपनियों में अच्छी नौकरी करते हैं।" मारन के इस बयान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिस पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
तेजस्वी बोले- बयान निंदनीय
मारन के बयान पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा, "बिहार और उत्तर प्रदेश के मजदूरों की पूरे देश में लोग मांग करते हैं। अगर वे न जाएं तो दूसरे राज्यों की जिंदगी ठप्प हो जाएगी। हम इस बयान की निंदा करते हैं। दूसरे राज्यों के नेताओं को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए। ये निंदनीय है। ये देश एक देश है, हम दूसरे राज्यों का सम्मान करते हैं और अपेक्षा करते हैं कि वे भी हमारा सम्मान करें।"
बयान पर भाजपा ने भी साधा निशाना
भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा, 'हिंदुओं और सनातन को गाली देना, लोगों को बांटकर राजनीति करना INDIA में शामिल पार्टियों के DNA में है। बांटों और राज करो कार्ड खेलने की कोशिश की जा रही है।' भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, "उन्हें बिहार के लोगों का अपमान करना बंद करना चाहिए। नीतीश कुमार, जो उनके INDIA गठबंधन के सदस्य हैं, के नेतृत्व में राज्य की हालत के कारण बिहार के लोग वहां जाने के लिए मजबूर हैं।"
हिंदी भाषी राज्यों पर विवादित बयान देते रहे हैं DMK के नेता
बता दें कि ये पहला मामला नहीं है, जब DMK के किसी नेता ने हिंदी भाषी राज्यों पर विवादित बयान दिया है। हाल ही में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान DMK सांसद सेंथिल कुमार ने हिंदी भाषी राज्यों को 'गोमूत्र राज्य' कहा था। उन्होंने कहा था, "भाजपा की ताकत केवल हिंदी बेल्ट के उन राज्यों को जीतने में ही है, जिन्हें हम आमतौर पर गोमूत्र राज्य कहते हैं। दक्षिण के राज्यों में भाजपा को घुसने नहीं दिया गया।"
न्यूजबाइट्स प्लस
हिंदी के विरोध को लेकर दक्षिण भारतीय राज्यों में तमिलनाडु सबसे आगे रहा है। यहां हिंदी के खिलाफ कई आंदोलन हुए हैं। राज्य के सरकारी स्कूलों में 90 के दशक तक हिंदी पढ़ाई जाती थी, जिसे अब बंद कर दिया गया है। हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों से हिंदी को स्वीकार करने की अपील की थी। इस पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कड़ी आपत्ति जताई थी।