बिहार जातिगत सर्वे के आर्थिक आंकड़े जारी; 42.93 प्रतिशत SC गरीब, मात्र 7 प्रतिशत आबादी स्नातक
क्या है खबर?
बिहार सरकार ने आज विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन जातिगत सर्वे की आर्थिक रिपोर्ट पेश कर दी। इसमें जातियों की आर्थिक स्थिति के साथ ही कई दूसरे आंकड़े भी पेश किए गए हैं।
रिपोर्ट में बताया गया कि बिहार में अनुसूचित जाति (SC) में 42.93 प्रतिशत और सामान्य वर्ग में 25.09 प्रतिशत परिवार गरीब हैं।
इसके अलावा केवल 7 प्रतिशत आबादी ने ही स्नातक तक की शिक्षा हासिल की है।
आर्थिक
क्या हैं सर्वे के आर्थिक आंकड़ें?
रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में सामान्य वर्ग में 25.9, पिछड़ा वर्ग में 33.16, अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 33.58, SC में 42.93, अनुसूचित जनजाति (ST) में 42.70 और अन्य जातियों में 23.72 फीसदी परिवार गरीब हैं।
सामान्य वर्ग में भूमिहारों में सबसे ज्यादा 25.32 प्रतिशत, ब्राह्मणों में 25.3 प्रतिशत, राजपूतों में 24.89 प्रतिशत, कायस्थों में 13.83 प्रतिशत, शेखों में 25.84 प्रतिशत, पठानों में 22.20 प्रतिशत और सैयदों में 17.61 प्रतिशत परिवार गरीब हैं।
शिक्षा
क्या है बिहार की आबादी की शैक्षणिक स्थिति?
शैक्षणिक आंकड़ों की बात करें तो बिहार की मात्र 7 प्रतिशत आबादी ने ही स्नातक तक की पढ़ाई की है। इसके अलावा 22.67 प्रतिशत आबादी ने कक्षा 1 से 5 तक की शिक्षा प्राप्त की है।
14.33 प्रतिशत आबादी के पास कक्षा 6 से 8 तक की शिक्षा है। 14.71 प्रतिशत आबादी कक्षा 9 से 10 तक पढ़ी हुई है। वहीं 9.19 प्रतिशत आबादी के पास कक्षा 11 से 12 तक की शिक्षा है।
आय
एक-तिहाई आबादी की मासिक आय 6,000 रुपये से कम
राज्य की करीब एक-तिहाई आबादी की महीने की आय 6,000 रुपये से कम है। 23 प्रतिशत आबादी की मासिक आय 6,000 से 10,000 के बीच है।
19 प्रतिशत आबादी की मासिक आय 10,000 से 20,000 और 16 प्रतिशत की 20,000 से 50,000 तक है। हर महीने 50,000 से ज्यादा कमाने वाली आबादी की हिस्सेदारी 9 प्रतिशत है।
4.47 प्रतिशत परिवारों ने अपनी मासिक आय की जानकारी नहीं दी है।
नौकरी
सरकारी नौकरी में क्या है जातियों की स्थिति?
बिहार में सामान्य वर्ग के पास 6.41 लाख सरकारी नौकरी है। इसमें भूमिहार जाति की हिस्सेदारी 4.99 प्रतिशत, ब्राह्मण की 3.60 प्रतिशत, राजपूत की 3.81 प्रतिशत और कायस्थ की 6.68 प्रतिशत है।
पिछड़ी जातियों में कुर्मी के पास 3.11 प्रतिशत, कुशवाहा के पास 2.04 प्रतिशत, यादव के पास 1.55 प्रतिशत और बनिया के पास 1.96 प्रतिशत सरकारी नौकरी है।
SC जातियों में सबसे ज्यादा धोबी समाज के 3.14 प्रतिशत लोग सरकारी नौकरियों में हैं।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
बिहार में 9 जनवरी को जाति सर्वे का पहला चरण शुरू हुआ था और 15 अप्रैल से दूसरे चरण की शुरुआत हुई थी। हालांकि, बीच में ये मामला सुप्रीम कोर्ट और पटना हाई कोर्ट भी गया था।
हाई कोर्ट ने सर्वे पर अंतरिम रोक लगा दी थी, लेकिन 1 अगस्त को लगातार 5 दिन की सुनवाई के बाद सर्वे की अनुमति दे दी थी।
इसके बाद 2 अक्टूबर को जातीय सर्वे की रिपोर्ट जारी की गई थी।