मिलिंद देवड़ा ने की केजरीवाल की तारीफ, अजय माकन बोले- कांग्रेस छोड़नी है तो छोड़ दीजिए
दिल्ली चुनावों में मिली करारी शिकस्त के बाद से ही कांग्रेस नेताओं की आपसी फूट सामने आने लगी थी। कई नेताओं ने खुलकर पार्टी की रणनीति और दूसरे नेताओं पर सवाल उठाए थे। वहीं एक ताजा मामले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तारीफ की, जिसके कारण उन्हें पार्टी छोड़ने की नसीहत दी जाने लगी। दरअसल, मिलिंद देवड़ा ने केजरीवाल सरकार की तारीफ की थी, जिसके बाद अजय माकन ने उन पर निशाना साधा।
क्या है मामला?
केजरीवाल सरकार की तारीफ करते हुए मिलिंद ने रविवार को ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने लिखा, 'अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने अपना राजस्व दोगुना कर 60,000 करोड़ रुपये कर लिया है और लगातार पांच साल तक सरप्लस बनाए रखा। विचार करने वाली बात है। दिल्ली सरकार अब देश की आर्थिक रूप से सबसे मजबूत सरकार बनने जा रही है।" केजरीवाल ने इस ट्वीट को रिट्वीट किया, लेकिन अजय माकन को यह तारीफ पसंद नहीं आई।
यहां देखिये देवड़ा का ट्वीट
माकन बोले- कांग्रेस छोड़नी है तो छोड़ दीजिए
माकन ने इसके जवाब में लिखा, 'भाई आप कांग्रेस को छोड़ना चाहते हैं तो छोड़ दीजिए, उसके बाद आधी अधूरी सच्चाई का प्रचार करिए। मैं आपको तथ्य बताता हूं। 1997-98- अनुमानित बजट (राजस्व) 4,073 करोड़ रुपये, 2013-14- अनुमानित बजट (राजस्व) 37,459 करोड़ रुपये। चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) में कांग्रेस सरकार के दौरान 14.87 फीसदी का इजाफा हुआ। 2015-16 में अनुमानित बजट 41,129 और 2019-20 में 60,000 रहा। AAP सरकार के दौरान CAGR 9.90 प्रतिशत रहा।
केजरीवाल ने CAG रिपोर्ट पर किया सरप्लस राजस्व का दावा
8 फरवरी को हुए चुनावों से पहले केजरीवाल ने दिल्ली सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश किया था। इसमें सरकार द्वारा किए गए कामों और इनके लिए लगाए गए फंड का विवरण था। इस मौके पर केजरीवाल ने CAG की रिपोर्ट का हवाला दिया था, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली में देश की एकमात्र सरकार है, जिसके पास सरप्लस फंड है। बता दें कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 सीटें हासिल की हैं।
पीसी चाको की आलोचना कर चुके हैं देवड़ा
देवड़ा इससे पहले दिल्ली में हार के लिए शीला दीक्षित को जिम्मेदार ठहराने के लिए दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको की आलोचना कर चुके हैं। देवड़ा ने कहा था कि शीला दीक्षित ने मुख्यमंत्री रहते हुए दिल्ली को बदल दिया था। उनके समय में कांग्रेस पहले से कहीं ज्यादा मजबूत थी। उनकी मौत के बाद उन्हें दोषी ठहराना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने अपना पूरा जीवन कांग्रेस और दिल्ली के लोगों के लिए समर्पित कर दिया था।
2019 में कांग्रेस ने दोहराया 2015 का प्रदर्शन
2019 दिल्ली विधानसभा चुनावों में कांग्रेस दूसरी बार अपना खाता नहीं खोल पाई। इन चुनावों में भी कांग्रेस ने 2015 के नतीजों को दोहराया है। इस बार कहा गया कि पार्टी ने चुनावों में मेहनत नहीं की और AAP और भाजपा को वॉकओवर दे दिया।