Page Loader
उत्तर प्रदेश: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आतंकवादी कहने वाले वकील पर देशद्रोह का मुकदमा, गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आतंकवादी कहने वाले वकील पर देशद्रोह का मुकदमा, गिरफ्तार

Mar 17, 2020
03:25 pm

क्या है खबर?

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आतंकवादी कहने के लिए कानपुर के एक वकील को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। नागरिकता कानून (CAA) विरोधी प्रदर्शनों पर आदित्यनाथ के वीडियो के एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कानपुर जिला कोर्ट के वकील अब्दुल हन्नान ने ये बात कही थी। हन्नान का ये ट्वीट संज्ञान में आने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने उनके खिलाफ देशद्रोह के तहत मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया।

मामला

क्या है पूरा मामला?

शनिवार को उत्तर प्रदेश सूचना विभाग के मीडिया सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एक वीडियो ट्वीट किया था। राज्य विधानसभा के इस वीडियो में आदित्यनाथ CAA और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस के लाठीचार्ज को सही ठहरा रहे थे। अपने ट्वीट में त्रिपाठी ने लिखा था, "तुम कागज नहीं दिखाओगे और दंगा भी फैलाओगे, तो हम लाठी भी चलवाएंगे, घर-बार भी बिकवाएंगे और हां पोस्टर भी लगवाएंगे।"

देशद्रोह का मुकदमा

त्रिपाठी के ट्वीट को रिट्वीट कर हन्नन ने आदित्यनाथ को कहा आतंकवादी

हन्नन ने त्रिपाठी के इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए योगी आदित्यनाथ को आतंकवादी कहा था। इसी ट्वीट के लिए उन पर IPC की धारा 124A के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले की जानकारी देते हुए कल्याणपुर पुलिस स्टेशन के SHO अजय सेठ ने कहा, "हमने संबंधित व्यक्ति के खिलाफ FIR दर्ज की है। उसे गिरफ्तार किया जा चुका है और कोर्ट के सामने पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है।"

जानकारी

हन्नन ने किया था CAA-NRC विरोधियों को मुफ्त कानूनी सहायता का ऐलान

अपने एक अन्य ट्वीट में हन्नन ने CAA-NRC के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों का समर्थन करते हुए कहा था कि वे प्रदर्शनकारियों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करेंगे। उन्होंने "संविधान प्रेमियों" से उन्हें फॉलो करने का अनुरोध किया था।

देशद्रोह कानून

क्या है देशद्रोह का कानूुन?

IPC की धारा 124A के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति देश की सरकार के विरोध में कुछ बोलता या लिखता है या फिर ऐसी सामग्री का समर्थन करता है या राष्ट्रीय चिन्हों का अपमान करने के साथ संविधान को नीचा दिखाने की गतिविधि में शामिल है तो उसे उम्रकैद की सजा हो सकती है। वहीं देश के सामने संकट पैदा करने वाली गतिविधियों के समर्थन करने, प्रचार-प्रसार करने पर भी राजद्रोह का मामला हो सकता है।

जानकारी

देशद्रोह के कानून का जमकर दुरुपयोग करती हैं सरकारें

सरकारें अपने विरोधियों की आवाज दबाने के लिए देशद्रोह के इस कानून का जमकर दुरुपयोग करती हैं और इसके खिलाफ आवाजें उठती रहती हैं खासकर ये देखते हुए कि इसे अंग्रेजों ने स्वतंत्रता सेनानियों की आवाज दबाने के लिए बनाया था।