दिल्ली चुनाव नतीजे: इन सीटों पर हार-जीत का अंतर रहा सबसे कम और ज्यादा
मंगलवार को घोषित हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों के नतीजे एकतरफा रहे। आम आदमी पार्टी (AAP) ने 54 प्रतिशत से ज्यादा वोट प्राप्त करते हुए 70 में 62 सीटें अपने नाम कर ली। AAP के भले ही सारे बड़े चेहरे चुनाव जीत गए, लेकिन मनीष सिसोदिया और कैलाश गहलोत जैसे नेताओं को जीत के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी। आइये, एक नजर उन सीटों पर डालते हैं जहां जीत का अंतर बेहद कम और सबसे ज्यादा रहा।
इन सीटों पर हुआ सबसे रोचक मुकाबला
दिल्ली चुनावों में सबसे कम अंतर से जीत बिजवासन विधानसभा सीट से AAP उम्मीदवार भूपिंदर सिंह जून को मिली है। जून ने भाजपा के सत प्रकाश राणा को 753 वोटों से हराया। दूसरा सबसे कड़ा मुकाबला लक्ष्मी नगर विधानसभा सीट पर देखने को मिला। 2015 में यहां से 4,846 वोटों से जीतने वाले AAP के नितिन त्यागी को इस बार भाजपा के अभय वर्मा ने 880 वोटों से हरा दिया। इन सीटों पर जीत का अंतर 1,000 से कम रहा।
इन सीटों पर भी रहा कड़ा मुकाबला
तीसरा सबसे रोचक मुकाबला आदर्श नगर विधानसभा सीट पर हुआ। यहां से AAP के पवन शर्मा विजयी रहे। उन्होंने अपने मुकाबले में खड़े भाजपा के राजकुमार भाटिया को 1,589 वोटों से मात दी। वर्मा को इन चुनावों में पहली बार मौका मिला था। चौथा ऐसा मुकाबला कस्तूरबा नगर सीट पर देखने को मिला। यहां से AAP के मदन लाल ने कड़े मुकाबले में भाजपा के रवींद्र चौधरी को 3,165 वोटों से हराया।
मनीष सिसोदिया की सीट पर भी रहा दिलचस्प मुकाबला
केजरीवाल सरकार में नंबर दो रहे और पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया को पटपड़गंज विधानसभा सीट पर कड़ी टक्कर मिली। दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में सुधार का चेहरा रहे सिसोदिया के सामने भारतीय जनता पार्टी ने रवींद्र सिंह नेगी को उतारा था। मतगणना के शुुरुआती चरणों में नेगी सिसोदिया से आगे चल रहे थे, लेकिन अंतिम चरणों में वो पिछड़ गए। आखिर में यह सीट AAP के खाते में गई और सिसोदिया ने 3,207 वोटों से जीत हासिल की।
AAP ने 46 चेहरों को दोबारा दिया था मौका
आम आदमी पार्टी ने इन चुनावों में अपने 46 विधायकों को दोबारा मैदान में उतारा था। इनमें से नितिन त्यागी को लक्ष्मी नगर, सरिता सिंह को रोहतास नगर और एसडी शर्मा को घौंडा से हार का सामना करना पड़ा है।
इन सीटों पर रहा एकतरफा मुकाबला
हमने पांच ऐसी सीटें आपको बता दी, जिन पर कड़ी टक्कर देखने को मिली। अब उन सीटों की बात करते हैं, जिन पर मुकाबला पूरी तरह से एकतरफा रहा। इस सिलसिले में पहला नंबर बुराड़ी का है। यहां से AAP के संजीव झा ने 88,158 वोटों से चुनाव जीता है। उनके प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार जनता दल (यूनाइटेड) के शैलेंद्र कुमार उन्हें टक्कर नहीं दे पाये। यह इन चुनावों की सबसे बड़ी जीत है। संजीव पिछली बार भी यहां से विधायक थे।
इन उम्मीदवारों को आसानी से मिली जीत
सबसे बड़े अंतर से दूसरी जीत ओखला विधानसभा में AAP उम्मीदवार अमानतुल्लाह खान की हुई। उन्होंने भाजपा के ब्रह्म सिंह को 71,827 वोटों से हराया। तीसरी सबसे बड़ी जीत AAP के राजेंद्र पाल गौतम ने हासिल की। उन्होंने सीमापुरी से लोक जनशक्ति पार्टी के संतलाल को 56,108 वोटों से मात दी। चौथे नंबर पर AAP के शोएब इकबाल रहे। मटिला महल से चुनाव लड़ते हुए उन्होंने भाजपा के रवींद्र गुप्ता को 50,241 वोटों से धूल चटाई।