दिल्ली: हाईकोर्ट ने लगाई रोक, 08 अप्रैल तक नहीं बढ़ेंगी प्राइवेट स्कूलों की फीस
क्या है खबर?
बुधवार को यानी 03 अप्रैल, 2019 को उच्च न्यायालय ने AAP सरकार की याचिका पर दिल्ली के निजी (प्राइवेट) गैर वित्तपोषित (Funded) स्कूलों द्वारा फीस बढ़ाने पर 08 अप्रैल, 2019 तक रोक लगा दी है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एकल न्यायाधीश ने अपने आदेश में इन स्कूलों की अंतरिम फीस बढोत्तरी को अनुमति दे दी है।
AAP सरकार ने अपनी याचिका में एकल न्यायाधीश के इस आदेश को चुनौती दी है।
आइए जानें क्या है पूरा मामला।
जवाब
स्कूलों से मांगा गया जवाब
न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति आई एस मेहता की पीठ ने एक नोटिस जारी किया है, जिसमें 'एक्शन कमेटी अनएडिड रिकॉग्नाइज्ड प्राइवेट स्कूल्स' से जवाब मांगा गया है।
इस संगठन में बड़ी संख्या में निजी स्कूल के सदस्य हैं।
दिल्ली सरकार ने मंगलवार को उच्च न्यायालय में उसके एकल न्यायाधीश की पीठ के एक और आदेश को चुनौती दी थी।
जिसमें दिल्ली के निजी स्कूलों के शिक्षक और कर्मचारियों के वेतन में अंतरिम बढ़ोत्तरी करने की अनुमति दी थी।
सुनवाई
08 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई
एकल न्यायाधीश की पीठ ने 15 मार्च, 2019 को दिल्ली सरकार के पिछले वर्ष 13 अप्रैल, 2018 के सर्कुलर को रद्द कर दिया था और अंतरिम फीस बढोत्तरी को अनुमति दे दी थी।
रद्द किए गए सर्कुलर में सरकारी जमीन पर चल रहे निजी गैर वित्तपोषित स्कूलों के शिक्षा निदेशालय की मंजूरी के बिना फीस में बढोत्तरी करने पर रोक लगा दी गई थी।
अब अदालत इस मामले में अगली सुनवाई 08 अप्रैैल, 2019 को करेगी।
बयान
क्या कहा अरविंद केजरीवाल ने
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अभिवावकों को बधाई दी और कहा कि पिछले एक हफ्ते में हाई कोर्ट की एकल पीठ के आदेश के बाद कई प्राइवेट स्कूलों ने अपनी फीस बढ़ा दी थी, लेकिन अब इस पर रोक लग गई है।
इसके साथ ही शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों को सिर्फ अपने खर्चे के अनुसार ही फीस लेने का अधिकार है, लेकिन फीस में मनमानी बढ़ोत्तरी हम नहीं होने देंगे।
स्कूल
स्कूलों का कहना है ये
इसके साथ ही स्कूलों का कहना है कि उन्होंने कई साल से अपने स्कूल की फीस नहीं बढ़ाई है और वे संकट मुश्किल में हैं।
अनएडेड रिकॉग्नाइज्ड प्राइवेट स्कूलों की एक्शन कमिटी के प्रेसिडेंटि एस के भट्टाचार्य ने कहना है कि शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतन देना जरूरी है, लेकिन स्कूलों की मौजूदा हालात में ये कैसे हो पाएगा। एरियर लेना स्कूलों की मजबूरी है, क्योंकि पिछले तीन-चार साल से स्कूलों ने फीस नहीं बढ़ाई है।