JNU के दृष्टिबाधित छात्र का दावा- पुलिस ने पूछा अंधे हो तो प्रोटेस्ट में क्यों आए?
क्या है खबर?
दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के छात्र फीस बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
दिल्ली पुलिस पर आरोप लग रहा है उसने प्रदर्शनकारी छात्रों पर लाठीचार्ज किया था।
लाठीचार्ज में एक दृष्टिबाधित छात्र शशि भूषण पांडे बुरी तरह घायल हो गए थे। उनकी चोटों के कारण उन्हें AIIMS में भर्ती कराया गया था।
पांडे ने मंगलवार को दावा किया कि पुलिसवालों ने उनसे कहा कि अगर वह अंधा है तो प्रदर्शन करने क्यों आये हैं।
आरोप
पांडे का आरोप- पुलिसवाले रौंदते हुए गए
पांडे पर हुए लाठीचार्ज की नेशनल प्लेटफॉर्म फॉर द राइट ऑफ डिसेबल्ड (NPRD) और JNU दृष्टिबाधित छात्र फोरम ने निंदा की है।
पांडे ने कहा, "जब छात्र भाग रहे थे तब किसी ने मुझे बताया कि स्ट्रीट लाइट बंद कर दी गई है। कुछ छात्र मेरे चारों और इकट्ठा हो गए और मुझे एक तरफ ले गए। उन्हें लगा कि मैं उस तरफ सुरक्षित रहूंगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।"
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिसवाले उनके रौंदते हुए भाग रहे थे।
जानकारी
"पुलिसवालों ने पूछा- अंधे हो तो प्रोटेस्ट में क्यों आए हो"
JNU छात्र संघ की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पांडे ने कहा, "मुझे लाठियों से पीटा गया। जब मैंने उन्हें बताया कि मैं अंधा हूं तो एक पुलिसवाले ने कहा कि अंधे हो तो प्रोटेस्ट में आए क्यों।"
ट्विटर पोस्ट
पुलिस ने नहीं सुनी पांडे की बात
This is a video of Shashi Bhushan Pandey, the visually challenged JNUSU Councillor who beaten up, from the protest yesterday. He can be seen removing his glasses to show the police he can't see. But they still drag him on. pic.twitter.com/6iNjRRYkwQ
— Anya Shankar (@AnyaShankar) November 19, 2019
निंदा
छात्रों पर लाठीचार्ज की हो रही निंदा
NPRD ने एक बयान जारी कर छात्रों पर पुलिस के बर्बर लाठीचार्ज की निंदा की है।
बयान में कहा गया है कि एक दृष्टिबाधित छात्र को अंधाधुध तरीके से पीटा गया है। यह तब हुआ है जब छात्र लगातार बता रहा था कि वह दृष्टिबाधित है।
बयान में कहा कि इसके लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। JNU दृष्टिबाधित छात्र संघ ने आरोप लगाया कि पुलिस ने पांडे को अस्पताल ले जाने में मदद नहीं की।
राज्यसभा
राज्यसभा में उठा शशि भूषण पांडे का मामला
शशि भूषण पांडे पर हुए लाठीचार्ज का मामला राज्यसभा में भी उठा। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने संसद के ऊपरी सदन में पूछा, "वो जनरल डायर कौन था जो शशि भूषण की छाती पर चढ़ गया। जब हम जलियांवाला बाग गोलीकांड की बात करते हैं तो इस अंग्रेजों की बर्बरता बताते हैं। आज हमारे बीच जनरल डायर कौन है। JNU के छात्रों को प्रदर्शन करने से रोकने के लिए अर्धसैनिक बल लगाए जा रहे हैं।"
ट्विटर पोस्ट
JNU से इतिहास में मास्टर्स कर रहे हैं पांडे
Shashibhushan,the visually impaired student being dragged by Delhi police in the video hails frm Gorakhpur. MA History student at #JNU.Father passed away n mother's a housewife. Hear him talk about how he manages his hostel expenses through d little he earns frm singing in shows pic.twitter.com/XpI9yKy80g
— Sukirti Dwivedi (@SukirtiDwivedi) November 19, 2019
विरोध प्रदर्शन
छात्र विरोध क्यों कर रहे हैं?
JNU प्रशासन ने पिछले महीने नए हॉस्टल मैनुअल को मंजूरी दी थी। इसमें 1,700 रुपये प्रति महीने का नया सर्विस चार्ज जोड़ा गया है, जो छात्रों से वसूला जाएगा।
इसके अलावा हॉस्टल में सिंगल कमरे का किराया बढ़ाकर 20 रुपये से 600 रुपये प्रति महीना और डबल सीटर का किराया 10 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये प्रति महीना किया गया था।
इस बढ़ोतरी के विरोध में JNU के छात्र तीन सप्ताह से विरोध कर रहे हैं।