अरविंद केजरीवाल जाट समुदाय को OBC में शामिल क्यों कराना चाहते हैं, कितने अहम है वोट?
क्या है खबर?
दिल्ली में विधानसभा चुनावों से ठीक पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता अरविंद केजरीवाल ने जाट आरक्षण का मुद्दा उछाल दिया है।
केजरीवाल ने केंद्र सरकार से जाट समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) सूची में शामिल कर आरक्षण देने की मांग की है। उन्होंने भाजपा पर जाटों को धोखा देने का भी आरोप लगाया।
आइए चुनावों में जाट समुदाय की अहमियत देखते हुए केजरीवाल के बयान के सियासी मायने समझते हैं।
बयान
सबसे पहले जानिए क्या बोले केजरीवाल?
केजरीवाल ने कहा, "दिल्ली के जाट समाज को दिल्ली के कॉलेजों में आरक्षण नहीं मिलता है, लेकिन राजस्थान के जाट समाज को मिलता है। 4 बार पिछले 10 सालों में प्रधानमंत्री जी ने और अमित शाह ने दिल्ली के जाट समाज को घर बुलाकर उन्हें गारंटी दी कि जाट समाज को केंद्र की OBC सूची में डाला जाएगा। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री झूठ बोल कर वादे पूरे नहीं करते हैं। चुनाव के समय उन्हें केवल जाटों की याद आती है।"
जाट समुदाय
दिल्ली की राजनीति में जाट समुदाय कितना अहम?
दिल्ली में जाट समुदाय की संख्या करीब 10 प्रतिशत है। दिल्ली की कई ग्रामीण सीटों पर जाट मतदाताओं की निर्णायक भूमिका रहती है।
8 विधानसभा सीटों पर जाट बहुलता में है, जो इन सीटों पर चुनावी नतीजों को बदलने की क्षमता रखते हैं। जिन सीटों पर जाट समुदाय के मतदाता ज्यादा हैं, उनमें नांगलोई, मुंडका, नजफगढ़, बिजवासन और किराड़ी की सीटें शामिल हैं।
समुदाय के ज्यादातर लोग बाहरी दिल्ली में रहते हैं।
मतदाता
किसे वोट देता रहा है जाट समुदाय?
आमतौर पर जाट भाजपा को वोट करते रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ चुनावों से AAP ने इस वोटबैंक में सेंध लगाई है।
2020 के चुनावों में जाट बहुल 8 सीटों में से 5 AAP और 3 भाजपा के खाते में गई थी।
2015 में सभी 8 सीटों पर AAP ने एकतरफा जीत दर्ज की थी।
2013 में जाट बहुल 8 सीटों में से 6 पर भाजपा, एक पर निर्दलीय और एक पर AAP को जीत मिली थी।
साधने की तरीके
जाटों को कैसे साध रही है भाजपा और AAP?
दिल्ली में AAP ने 5 सीटों पर जाट समुदाय के नेताओं को टिकट दिया है। AAP ने मुंडका से जसबीर कराला, नांगलोई से रघुविंदर शौकीन, दिल्ली कैंट से वीरेंद्र कादियान, उत्तम नगर से पूजा नरेश बाल्यान और मटियाला से सुमेश शौकीन को मैदान में उतारा है।
वहीं, भाजपा ने नई दिल्ली सीट से जाट समुदाय से आने वाले प्रवेश वर्मा को केजरीवाल के खिलाफ टिकट दिया है।
AAP से भाजपा में आए कैलाश गहलोत को भी टिकट मिला है।
भाजपा
केजरीवाल की मांग पर भाजपा ने क्या कहा?
केजरीवाल की मांग पर प्रवेश वर्मा ने कहा, "दिल्ली में पहली बार भाजपा ने ही जाट मुख्यमंत्री डॉक्टर साहिब सिंह को बनाया था। केजरीवाल ने मुझे देशद्रोही कहा और देशभक्त जाटों का अपमान किया। अब जब नई दिल्ली की सीट खिसकती दिखी तो जाट आरक्षण का नाटक करने लगे। नई दिल्ली की सीट छोड़कर भाग मत जाना। इस बार जाटों के हत्थे चढ़ गए हो। पूरी नई दिल्ली की 36 बिरादरी आपकी जमानत जब्त कराने के लिए तैयार हैं।"
मतदान
दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान
दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को मतगणना की जाएगी।
यहां AAP, भाजपा और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है।
चुनाव आयोग के मुताबिक, दिल्ली में कुल 1.55 करोड़ मतदाता है, जिनमें 8.49 लाख पुरुष, जबकि 71.74 लाख महिलाएं हैं। पिछले 2 चुनावों में यहां AAP ने बड़ी जीत दर्ज की है।
2020 में कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं जीता था।