दिल्ली में सत्ता विरोधी लहर से निपटने के लिए क्या तैयारी कर रही है AAP?
क्या है खबर?
दिल्ली में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होना है।
सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है और चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही 31 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुकी है।
तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश कर रही AAP के लिए सत्ता विरोधी लहर से निपटना इस बार सबसे बड़ी चुनौती है।
आइए जानते हैं पार्टी इसके लिए कैसे तैयारी कर रही है।
उम्मीदवार
कई सीटों पर बदल सकते हैं उम्मीदवार
पार्टी सत्ता विरोधी लहर से निपटने के लिए कई सीटों पर उम्मीदवार बदलने की तैयारी कर रही है।
इंडियन एक्सप्रेस से एक वरिष्ठ AAP नेता ने कहा, "बदलाव पर विचार किया जा रहा है। अन्य सीटें और नेता हैं, जिन पर हम पहले विचार कर रहे हैं क्योंकि वहां बड़े मुद्दे हैं।"
इसका संकेत आज आई पार्टी की दूसरी सूची में भी देखने को मिला है, जिसमें पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पटपड़गंज की जगह जंगपुरा से उतारा गया है।
विधायकों के टिकट
कई मौजूदा विधायकों के कटेंगे टिकट
21 नवंबर को AAP ने 11 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी।
इसमें 2020 में भाजपा से हारने वाली 6 सीटें भी शामिल थीं। इनमें से 3 सीटों (किराड़ी, सीलमपुर और मटियाला) में मौजूदा विधायकों का टिकट काट दिया गया है।
कहा जा रहा है कि पार्टी ने टिकट को लेकर आंतरिक सर्वे कराया है। सर्वे में जिन विधायकों की रिपोर्ट सही नहीं मिली है, उनका टिकट काटकर नए चेहरों को मौका दिया जाएगा।
नए चेहरे
10-11 सीटों पर बदल सकते हैं चेहरे
इंडियन एक्सप्रेस से एक AAP नेता ने कहा, "ऐसी 10-11 और सीटें हैं, जहां मौजूदा विधायकों को बदलना होगा। कुछ ऐसी भी सीटें हैं, जहां विधायक लोकप्रिय नहीं है, लेकिन पार्टी के पक्ष में माहौल है, हम वहां भी उम्मीदवार बदल देंगे, क्योंकि अंतिम समय में किसी भी नकारात्मक माहौल से बचना चाहते हैं।"
इस नेता ने ये भी स्वीकार किया कि पिछले दोनों चुनावों के मुकाबले ये चुनाव बहुत कठिन होने वाले हैं।
दूसरी सूची
दूसरी सूची में कटे 14 विधायकों के टिकट
दूसरी सूची में AAP ने तिमारपुर से दिलीप पांडेय की जगह सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू को उम्मीदवार बनाया है।
देवली से विधायक प्रकाश जारवाल, त्रिलोकपुरी से रोहित मेहरोलिया, कृष्णा नगर से एसके बग्गा, नरेला से शरद चौहान, बिजवासन से बीएस जून, मुस्तफाबाद से हाजी यूनुस, पटेल नगर से राजकुमार आनंद, चांदनी चौक से प्रह्लाद साहनी, आदर्श नगर से पवन शर्मा, पालम से भावना गौड, जनकपुरी से राजेश ऋषि, मुंडका से धर्मपाल लाखरा, मादीपुर से गिरीश सोनी का टिकट कटा है।
बयान
नेता बोले- ये चुनाव अलग
इंडियन एक्सप्रेस से AAP नेता ने कहा, "हम तीसरा कार्यकाल मांग रहे हैं और विधायकों की लोकप्रियता एक महत्वपूर्ण कारक बन जाती है। यह उन चुनावों से अलग है, जो हमने पहले लड़े हैं। 2013 में AAP ने अनुमानों से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया था। 2015 में पार्टी ने 70 में से 67 सीटें जीती थीं। 2020 में हम सत्ता विरोधी लहर से चिंतित थे, लेकिन सर्वे से पता चला कि हम अच्छी स्थिति में थे।"
चुनौतियां
AAP के लिए और क्या हैं चुनौतियां?
AAP के लिए सत्ता विरोधी लहर के अलावा और भी कई चुनौतियां हैं।
उसका शीर्ष नेतृत्व शराब नीति मामले में जेल में रहा और अब जमानत पर है।
अरविंद केजरीवाल के बंगले को लेकर भाजपा ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी उसे घेर रखा है।
उपराज्यपाल के साथ तनातनी के चलते कई योजनाओं मे अड़चन आई है।
इसके अलावा पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन से इनकार कर दिया है।