अमेठी-रायबरेली पर कांग्रेस बोली- कोई डरकर नहीं भाग रहा, 24 घंटे में लेंगे उम्मीदवारों पर फैसला
लोकसभा चुनावों के बीच सबसे ज्यादा चर्चा उत्तर प्रदेश की रायबरेली और अमेठी सीट की हो रही है। कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली इन सीटों पर पार्टी ने अभी तक प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया है। हालांकि, अब जल्द ही इंतजार खत्म हो सकता है। जयराम रमेश ने कहा कि केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) ने दोनों सीटों पर निर्णय का अधिकार कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकालर्जुन खड़गे को दिया है, जिसकी घोषणा 24 घंटे में की जाएगी।
क्या बोले रमेश?
रमेश ने कहा कि अगले 24 घंटे यानी 2 मई की शाम तक दोनों सीटों पर उम्मीदवार चुन लेंगे। इस दौरान एक पत्रकार ने भाजपा के हवाले से पूछा कि क्या गांधी परिवार अमेठी और रायबरेली से डरकर भाग गया है, इस पर रमेश ने कहा, "क्या भाजपा ने रायबरेली में उम्मीदवार की घोषणा की? डरा कौन है? समय है, हम बातचीत कर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष को अधिकार सौंपा गया है।"
राहुल नहीं चाहते अमेठी-रायबरेली से चुनाव लड़ना- रिपोर्ट
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, राहुल गांधी अमेठी या रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं और वे नहीं चाहते कि इन सीटों पर उनके परिवार के किसी सदस्य को मैदान में उतारा जाए। पार्टी के एक पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी अभी भी उन्हें (राहुल को) समझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का मन बना लिया है।"
नामांकन की आखिरी तारीख वाले दिन पुणे में रहेंगे राहुल
अमेठी और रायबरेली में 5वें चरण में 20 मई को मतदान होना है। इसके लिए 3 मई नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, राहुल इस दिन पुणे में एक रैली को संबोधित करेंगे, यानी उनके नामांकन जमा करने की संभावना कम है। दूसरी ओर, अमेठी में स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर राहुल से चुनाव लड़ने की मांग की। इस दौरान प्रदर्शनकारी 'अमेठी मांगे गांधी परिवार' जैसे नारे लगाते नजर आए।
रायबरेली और अमेठी सीट का इतिहास
दोनों ही सीट गांधी परिवार का गढ़ रही हैं। राहुल ने पहली बार 2004 में अमेठी से चुनाव लड़ा था, जिसके बाद उन्होंने लगातार 3 बार यहां से जीत हासिल की। हालांकि, 2019 में वे स्मृति ईरानी से हार गए थे। रायबरेली से सोनिया गांधी सांसद रहीं, लेकिन अब वे राज्यसभा चली गई हैं। इस सीट से इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी भी सांसद रहे हैं। कांग्रेस ने इस सीट पर 17 बार जीत दर्ज की है।