हिमाचल राज्यसभा चुनाव में अपनी हार को चुनौती देने हाई कोर्ट पहुंचे अभिषेक मनु सिंघवी
हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में हार का सामना करने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने हिमाचल हाई कोर्ट में याचिका दायर कर रहा है कि वो ड्रॉ ऑफ लॉट्स (पर्ची से विजेता घोषित करना) के जिस नियम से चुनाव हारे हैं, वह गलत है। उन्होंने अपनी याचिका में हाई कोर्ट से इस चुनाव को रद्द करने की मांग की है।
27 फरवरी को हुआ था चुनाव
हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा सीट के लिए 27 फरवरी को मतदान हुआ था। इसमें सिंघवी के सामने भाजपा के हर्ष महाजन थे। दोनों ही उम्मीदवारों को 34-34 वोट मिले थे। इसके बाद पर्ची से विजेता को घोषित किया गया। याचिका दायर करने के बाद सिंघवी ने बताया कि जिस उम्मीदवार के नाम की पर्ची निकलती है, उसे हारा हुआ मान लिया गया। यह गलत धारणा है और ऐसा कोई कानून भी नहीं है।
कांग्रेस विधायकों ने कर दी थी बगावत
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और उसके विधायकों की संख्या देखते हुए सिंघवी की राज्यसभा जाने की राह आसान दिख रही थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। चुनाव के दौरान कांग्रेस के 6 विधायकों ने क्रॉस-वोटिंग कर दी और मुकाबला बराबरी पर पहुंच गया। इसके बाद पर्ची के नियम से हर्ष महाजन को विजेता मान लिया गया। इस चुनाव के बाद हिमाचल में कांग्रेस की सरकार गिरने की कगार पर पहुंच गई थी।