प्रधानमंत्री मोदी की जाति पर राहुल गांधी के दावे पर केंद्र का पलटवार, जानें क्या कहा
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ओडिशा में अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान एक जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर दावा किया कि वह अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से नहीं हैं। इन आरोपों पर केंद्र सरकार ने पलटवार किया है। केंद्र ने 'प्रधानमंत्री की जाति पर राहुल गांधी के बयान से संबंधित तथ्य' शीर्षक से एक नोट में बताया है कि जब मोदी की जाति OBC सूची में शामिल हुई थी, तब गुजरात में कांग्रेस की सरकार थी।
राहुल गांधी ने क्या कहा थाय़
राहुल ने कहा था, "आप लोगों को भयंकर बेवकूफ बनाया जा रहा। नरेंद्र मोदी OBC वर्ग में पैदा नहीं हुए। वह गुजरात की तेली जाति में पैदा हुए थे, जिसे भाजपा ने 2000 में OBC बनाया था।" उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री सामान्य वर्ग में पैदा हुए थे। मेरे पास कोई जन्म प्रमाणपत्र नहीं, लेकिन मैं जानता हूं क्योंकि वह किसी OBC से गले नहीं मिलते, किसी किसान और मजदूर का हाथ नहीं पकड़ते। वह सिर्फ अडाणी का हाथ पकड़ते हैं।"
केंद्र ने अपने नोट में क्या जवाब दिया?
केंद्र सरकार ने नोट में कहा, "मोध घांची जाति (वह उप-समूह जिससे प्रधानमंत्री मोदी आते हैं) गुजरात सरकार की सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े समुदायों की सूची में शामिल है।" इसमें आगे कहा गया है, "गुजरात में एक सर्वेक्षण के बाद मंडल आयोग ने सूचकांक 91 (A) के तहत OBC की एक सूची तैयार की, जिसमें मोध घांची (तेली) जाति शामिल थी। भारत सरकार की गुजरात की 105 OBC जातियों की सूची में भी मोध घांची शामिल है।"
केंद्र ने राहुल को याद दिलाया तब गुजरात में थी कांग्रेस सरकार
केंद्र सरकार ने राहुल को याद दिलाया, "प्रधानमंत्री के उप-समूह को OBC सूची में शामिल करने की अधिसूचना 25 जुलाई, 1994 को जारी की गई थी, तब गुजरात में कांग्रेस का शासन था।" केंद्र ने कहा, "भारत सरकार की 4 अप्रैल, 2000 की अधिसूचना के अनुसार उसी उप-समूह को OBC सूची में शामिल किया गया था। जब दोनों अधिसूचनाएं जारी की गईं तो नरेंद्र मोदी सत्ता में नहीं थे और न ही तब कोई कार्यकारी कार्यालय संभाल रहे थे।"
पहले भी हुए प्रधानमंत्री की जाति को लेकर विवाद
साल 2014 में जब प्रधानमंत्री ने खुद को OBC वर्ग का बताया था, तब इस पर काफी विवाद हुआ था। तब कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने आरोप लगाया था कि मोदी 2001 में मुख्यमंत्री बने और 2002 में अपनी जाति को OBC में शामिल कर दिया, ताकि उन्हें राजनीतिक लाभ मिल सके। हालांकि, गुजरात सरकार ने तब अपनी सफाई में कहा था कि घांची (तेली) समुदाय को 1994 में OBC का दर्जा मिला था।