राहुल का अमेठी से नामांकन वैध, ब्रिटिश नागरिक होने का किया गया था दावा
क्या है खबर?
अमेठी के निर्वाचन अधिकारी मनोहर मिश्रा ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नामांकन को वैध घोषित किया।
विरोधियों ने आरोप लगाया था कि राहुल ने अपने नामांकन में नागरिकता और शिक्षा को लेकर गलत जानकारी पेश की है।
शिकायत में राहुल के ब्रिटिश नागरिक होने का आरोप भी लगाया था, जिसका जमकर राजनीतिक प्रयोग हुआ। इसके बाद उनके नामांकन की समीक्षा की जा रही थी।
आइए आपको पूरे मामले की जानकारी देते हैं।
ट्विटर पोस्ट
'राहुल का नामांकन वैध'
Amethi returning officer declares Congress President Rahul Gandhi's nomination valid. #LokSabhaElections2019 pic.twitter.com/Io0WZYQoLX
— ANI UP (@ANINewsUP) April 22, 2019
शैक्षिक जानकारी
राहुल पर लगा था गलत शैक्षिक जानकारी देने का आरोप
राहुल के नामांकन पर अमेठी के निवासी अफजल वारिस, ध्रुवलाल मनोहर और सुरेश कुमार शुक्ला और दिल्ली निवासी सुरेश चंद्र ने आपत्तियां दर्ज कराई थीं।
इनमें दावा किया गया था कि उन्होंने 1994 में फ्लोरिडा के रोलिंस कॉलेज से BA किया था, लेकिन अपने हलफनामे में उन्होंने इसका जिक्र नहीं किया।
यह दावा भी किया गया कि उन्होंने 2004-2005 में ट्रिनिटी कॉलेज से एम फिल की थी, जबकि हलफनामे में 1995 में एम फिल करने की बात कही गई है।
नागरिकता पर सवाल
राहुल के ब्रिटिश नागरिक होने का दावा
राहुल की पहचान और नागरिकता को लेकर भी सवाल उठे थे और दावा किया गया था कि उनकी कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की डिग्री में उनका नाम राहुल गांधी नहीं बल्कि 'राउल विंची' लिखा हुआ है।
अमेठी से निर्दलीय प्रत्याशी ध्रुवलाल मनोहर ने अपनी शिकायत में दावा किया था कि 2004 में राहुल ने घोषित किया था कि उनके पास ब्रिटिश कंपनी 'बैकॉप्स लिमिटेड' के शेयर हैं और कंपनी के दस्तावेजों में उन्हें ब्रिटिश नागरिक बताया गया है।
डाटा
स्टाम्प पेपर पर भी उठे सवाल
इसके अलावा अन्य शिकायतकर्ता अफजल वारिस ने कहा था कि राहुल गांधी का नामांकन रद्द होना चाहिए क्योंकि उन्होंने अमेठी की बजाय नई दिल्ली का स्टाम्प पेपर प्रयोग किया। निर्वाचन अधिकारी ने इसके बाद राहुल के नामांकन को जांच के लिए रोक दिया था।
राहुल का जवाब
'हमें नहीं पता राउल विंची कौन है'
इसके बाद राहुल के वकील केसी कौशिक ने आपत्तियों पर निर्वाचन अधिकारी मनोहर मिश्रा के सामने जवाब पेश किया था।
उनका कहना है, "मुझे नहीं पता कि राउल विंची कौन है और वह कहां से आते हैं। राहुल गांधी ने 1995 में यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज से एमफिल किया था। मैंने उनके सर्टिफिकेट की एक कॉपी नामांकन के साथ सौंपी है।"
पूरे मामले और दस्तावेजों की जांच के बाद निर्वाचन अधिकारी को राहुल के नामांकन में कोई खामी नहीं मिली है।