देश में 9 महीने में 145 बाघों की अप्राकृतिक मौत, TMC सांसद ने उठाए सवाल
तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) को पत्र लिखकर बाघों की मौत पर सवाल उठाते हुए जवाब मांगा है। उन्होंने पत्र को एक्स पर साझा कर लिखा, 'पिछले 9 महीनों में भारत में 145 बाघों की मौत हो चुकी है! इसका मतलब है कि भारत में बाघों की आबादी 3,682 है, जिसमें से लगभग 4 प्रतिशत बाघ पिछले 9 महीनों में ही मर गए।' यह आंकड़े जनवरी से सितंबर के हैं।
बिजली के झटके और अवैध शिकार से हुई मौत
सांसद ने एक्स पर लिखा, 'इन चौंकाने वाली बाघों की मौत के कारणों में अवैध शिकार और बिजली के झटके शामिल हैं। अनुमान के मुताबिक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तराखंड, तीनों भाजपा शासित राज्यों में 145 बाघों की मौत हुई है। अपराधियों द्वारा इतने खुलेआम बाघों का शिकार कैसे किया जा रहा है? संरक्षित क्षेत्रों में जहां बाघ रहते हैं, वहां बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को अनुमति क्यों दी गई है, जिससे बिजली के झटकों से मौतें होती हैं?'
2012 में 88 और 2023 में अभी तक 149 बाघों की मौत
NTCA की वेबसाइट के मुताबिक, 2012 में 88, 2013 में 68, 2014 में 78, 2015 में 82, 2016 में 121, 2017 में 117, 2018 में 101, 2019 में 96, 2020 में 106, 2021 में 127, 2022 में 121 और 2023 में अभी तक 149 बाघों की मौत हुई है। 2018 की गणना के अनुसार, सबसे अधिक बाघ 526 मध्य प्रदेश में हैं। पिछले दिनों तमिलनाडु के नीलगिरी में 40 दिन में 10 बाघों के दम तोड़ने की खबर आई थी।