पश्चिम बंगाल: पंचायत चुनाव के मतदान के दिन भारी हिंसा, 13 लोगों की मौत
क्या है खबर?
पश्चिम बंगाल में शनिवार को पंचायत चुनाव के लिए मतदान के दौरान बड़े स्तर पर हिंसा हुई। केंद्रीय बलों की तैनाती के बीच इन हिंसक घटनाओं में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के 13 कार्यकर्ताओं की मौत हो गई।
कई इलाकों में बैलेट बॉक्स में आग लगाने से लेकर बैलेट पेपर फाड़ने की घटनाएं भी सामने आई हैं। बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) और विपक्षी पार्टियों ने एक-दूसरे पर हिंसा फैलाने का आरोप लगाया है।
हिंसा
किस पार्टी के कितने कार्यकर्ताओं की हुई मौत?
इंडिया टुडे के मुताबिक, हिंसा के दौरान मारे गए लोगों में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के 8 कार्यकर्ता, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के 3 कार्यकर्ता और भाजपा और कांग्रेस के 1-1 कार्यकर्ता शामिल हैं।
मुर्शिदाबाद में 3 TMC कार्यकर्ताओं और 1 कांग्रेस कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई, जबकि कूच बिहार में भाजपा और TMC के 1-1 कार्यकर्ता की मौत हुई।
वहीं पूर्वी बर्धमान जिले में CPI (M) और TMC के 1-1 कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई।
हिंसा
कूच बिहार में बैलेट बॉक्स में लगाई गई आग
कूच बिहार जिले में दिनहाटा के बारानाचिना में एक मतदान केंद्र पर कथित तौर पर फर्जी मतदान किए जाने से नाराज मतदाताओं ने बैलेट बॉक्स में आग लगा दी।
PTI के मुताबिक, 24 उत्तरी परगना जिले के सिंदरनी में एक केंद्र में बैलेट बॉक्स में पानी डाल दिया, जिसके बाद मतदान को रुकवाना पड़ा।
हुगली के धामसा में TMC और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के बाद लोगों ने 2 बैलेट बॉक्स को तालाब में फेंक दिया।
धमाका
कई इलाकों में देसी बम से हुए विस्फोट
ANI के मुताबिक, दक्षिण 24 परगना जिले के फुल मलंचा में देसी बम के कारण हुए विस्फोट में एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे अस्पताल में भर्ती किया गया।
इसी जिले के भांगोर में 2 बच्चे भी विस्फोट में घायल होने का मामला सामने आया है। दरअसल, बच्चों ने खेलने के दौरान एक देसी बम को गेंद समझकर उठा लिया था, जो उनके हाथ में ही फट गया।
बयान
मतदान प्रतिशत की जगह गिन रहे मृतकों की संख्या- भाजपा
बंगाल भाजपा के अध्यक्ष डॉ सुकांता मजूमदार ने हिंसा को लेकर ट्वीट किया, 'बंगाल ही एक ऐसी जगह है जहां हम मतदान के दिन मतदान प्रतिशत की जगह मारे गए लोगों की संख्या गिन रहे हैं। आज बंगाल में कोई भी जगह हिंसा के बिना नहीं है।'
उन्होंने लिखा, 'राज्य चुनाव आयोग को इस बात की कोई परवाह नहीं है कि बंगाल में क्या हो रहा है। यह सब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मार्गदर्शन में हो रहा है।'
मांग
सुवेंदु अधिकारी बोले- बंगाल में लगाया जाए राष्ट्रपति शासन
पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।
उन्होंने कहा, "यह कोई चुनाव नहीं है। यह जंगलराज है। 1942 में स्वतंत्रता सेनानियों ने इसी भूमि पर भारत को स्वतंत्र घोषित किया था और आज यह भूमि पश्चिम बंगाल पुलिस की मिलीभगत से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे के कारण अशांत है। लोगों की सुरक्षा के लिए धारा 355 लागू होनी चाहिए।"
बयान
TMC ने केंद्रीय बलों की तैनाती ओर उठाया सवाल
TMC ने बंगाल में हिंसा की घटनाओं में नाकाम रहने पर केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर सवाल उठाया है।
पार्टी ने ट्वीट किया, 'भाजपा, कांग्रेस और CPI(M) लगातार केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग कर रही थीं। जब केंद्रीय बलों की सबसे ज्यादा जरूरत है तो वे कहां हैं? जो लोग लोकतंत्र के सिद्धांतों की वकालत करते थे, वे ही इसके पतन के लिए जिम्मेदार हैं। केंद्रीय बल कहीं नहीं दिख रहे हैं।'
हिंसा
बंगाल में पिछले पंचायत चुनाव में भी हुई थी हिंसा
बता दें कि 2018 में हुए पंचायत चुनाव में तृणमूल कांग्रेस(TMC) ने करीब 34 प्रतिशत सीटों पर निर्विरोध जीत हासिल की थी।
हालांकि, इस दौरान भी बड़े स्तर पर हिंसा हुई थी। इस दौरान बम फेंकने, बूथ कैप्चर करने से लेकर बैलेट बॉक्स जलाने की घटनाएं हुई थीं।
आंकड़ों के मुताबिक, हिंसक घटनाओं में 13 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 50 से ज्यादा घायल हुए थे। विपक्षी पार्टियों ने इसका आरोप TMC पर लगाया था।