राजस्थान भाजपा अध्यक्ष बोले, अगर देश में RSS नहीं होता तो देश नहीं होता
क्या है खबर?
राजस्थान के नए नवेले भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष सतीश पूनिया ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ केवल एक संगठन नहीं है बल्कि एक आंदोलन है जो देश और दुनिया को बदलने की ताकत रखता है।
जयपुर में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर RSS नहीं होता तो हिंदुस्तान नहीं होता।
RSS के करीबी माने जाने वाले पूनिया को शनिवार को राजस्थान भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया था।
बयान
पूनिया ने साधा कांग्रेस पर निशाना, पूछा- मुगलों और अंग्रेजों से समझौता किसने किया?
मीडिया के साथ बातचीत में पूनिया ने बिना नाम लिए कांग्रेस पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा, "इतिहास छिपा नहीं रह सकता और इसे सीमित भी नहीं किया जा सकता। इस देश का विभाजन किसने किया, किसने मुगलों और अंग्रेजों के साथ समझौता किया? किसने बाबरी मस्जिद का मुद्दा बनाने के लिए राम मंदिर को तोड़ा? मुझे लगता है कि अगर इस देश में RSS नहीं होता तो शायद ये देश नहीं होता।"
लोकतंत्र
पूनिया बोले, देश का लोकतंत्र सुरक्षित हाथों में
पूनिया ने इस मौके पर कहा कि भारत का लोकतंत्र सुरक्षित हाथों में हैं।
उन्होंने कहा, "भारत सम्मान और स्वाभिमान के साथ विश्व के मानचित्र पर चमक रहा है। RSS केवल एक शब्द या एक संगठन नहीं बल्कि एक आंदोलन है जो देश और दुनिया को बदल सकता है।"
इस दौरान अपने संघर्ष के बारे में उन्होंने कहा कि अपमान, तिरस्कार और विरोध का सामना करते हुए वह इस मुकाम तक पहुंचे हैं।
अध्यक्ष पद
राजस्थान भाजपा अध्यक्ष बनने वाले पहले जाट नेता हैं पूनिया
जून में मदन लाल सैनी के निधन के बाद से ही राजस्थान भाजपा अध्यक्ष का पद खाली था।
पद के लिए पूनिया के साथ-साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर और राजेंद्र राठौर के नाम पर भी चर्चा हुई। लेकिन अंत में इन सभी को पछाड़ते हुए पूनिया ने बाजी मारी।
इसमें RSS के साथ उनके संबंध बेहद काम आए और पार्टी के RSS खेमे ने उनका समर्थन किया।
वह राजस्थान भाजपा अध्यक्ष बनने वाले पहले जाट नेता हैं।
राजनीतिक सफर
पूनिया ने तय किया ABVP से लेकर राजस्थान अध्यक्ष तक का सफर
पूनिया इस समय जयपुर की आमेर विधानसभा सीट से विधायक हैं।
चुरू जिले के सादुलपुर के रहने वाले पूनिया छात्र जीवन से RSS के छात्र सगंठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े रहे हैं।
वह भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
इसके अलावा वह चार बार पार्टी महासचिव रहे और करीब 10 साल तक संगठन में महामंत्री के तौर पर काम किया।
वह पार्टी प्रवक्ता के तौर पर भी काम कर चुके हैं।