केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी का 79 साल की उम्र में निधन
क्या है खबर?
केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेता ओमान चांडी का आज 79 साल की उम्र में निधन हो गया।
चांडी लंबे समय से बीमार थे और उनका बेंगलुरू के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था।
मंगलवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता के निधन की सूचना उनके बेटे ने फेसबुक पोस्ट के जरिये दी। चांडी 2 बार केरल के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
केरल कांग्रेस के अध्यक्ष के सुधाकरन ने चांडी के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
दो दिवसीय शोक
केरल में 2 दिवसीय राजकीय शोक
केरल सरकार ने दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री चांडी के सम्मान में मंगलवार को सार्वजनिक अवकाश और 2 दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है। चांडी का कैंसर के इलाज के दौरान सुबह 4:25 बजे एक निजी अस्पताल में निधन हो गया।
चांडी 2019 से गले के कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। उन्होंने 2004 से 2006 और 2011 से 2016 की अवधि के दौरान केरल के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था।
खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने चांडी को दी श्रद्धांजलि
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी ट्वीट कर चांडी को श्रद्धांजलि दी है।
उन्होंने लिखा, 'केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता ओमन चांडी को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि, जो जननेता के रूप में हमेशा खड़े रहे। उनकी अटूट प्रतिबद्धता और दूरदर्शी नेतृत्व ने केरल की प्रगति और देश के राजनीतिक परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी। उन्हें लोगों के प्रति उनके समर्पण और सेवा के लिए याद किया जाएगा। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदना है।'
चांडी
चांडी ने छात्रसंघ से की थी राजनीतिक जीवन की शुरुआत
दिवंगता कांग्रेस नेता चांडी का जन्म 31 अक्टूबर, 1943 को केरल के कोट्टायम जिले के कुमारकोम में हुआ था। उन्होंने पुथुपपल्ली में सेंट जॉर्ज हाई स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। इसके बाद चांडी ने सरकारी लॉ कॉलेज एर्नाकुलम से कानून की डिग्री भी ली।
चांडी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्र संघ से की थी। उन्हें 1970 में केरल युवा कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया था।
इसी साल वह पहला विधानसभा चुनाव भी जीते थे।
चांडी
चांडी लगातार 12 बार जीते विधानसभा चुनाव
चांडी 1970 से कोट्टायम जिले के अपने गृह नगर पुथुपल्ली निवार्चन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। उन्होंने लगातार 12 बार विधानसभा चुनाव जीता।
उन्होंने 2006 से 2011 तक केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में भी कार्य किया। वह के करुणाकरण और एके एंटनी की सरकार में मंत्री भी रहे। उन्हें 2018 में कांग्रेस का महासचिव बनाया गया था।
वह अपने पीछे पत्नी मरियम्मा ओम्मन, बेटे चांडी ओम्मन और बेटियों मारिया और अचू को छोड़ गए हैं।