केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ AAP का समर्थन नहीं करेगी कांग्रेस- रिपोर्ट
क्या है खबर?
कांग्रेस के दिल्ली के अधिकारियों की पोस्टिंग और ट्रांसफर से जुड़े केंद्र सरकार के अध्यादेश के मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) का समर्थन करने की उम्मीद नहीं है।
बतौर रिपोर्ट्स, दिल्ली और पंजाब के कांग्रेस नेताओं ने पार्टी आलाकमान को AAP का समर्थन नहीं करने का सुझाव दिया है।
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी नेताओं का समर्थन मांगने के लिए कई मुलाकातें की हैं।
बैठक
कांग्रेस अध्यक्ष ने की थी पार्टी के नेताओं साथ बैठक
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मामले पर राय जानने के लिए सोमवार को दिल्ली और पंजाब के नेताओं की बैठक बुलाई थी।
IANS के मुताबिक, दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में हुई इस बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन, दिल्ली के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, अरविंदर लवली, हारून यूसुफ और चौधरी अनिल कुमार समेत अन्य कई नेता शामिल हुए।
बता दें कि बैठक में कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद राहुल गांधी भी मौजूद रहे।
बैठक
बैठक में क्या हुआ?
PTI के मुताबिक, बैठक के दौरान अधिकांश नेताओं ने आलाकमान को केजरीवाल के साथ कोई संबंध नहीं रखने का सुझाव दिया।
उन्होंने AAP को भाजपा की बी-टीम बताते हुए दावा किया कि पार्टी ने न केवल दिल्ली और पंजाब, बल्कि अन्य राज्यों में भी कांग्रेस के हितों को नुकसान पहुंचाया है।
दिल्ली कांग्रेस के नेताओं ने केजरीवाल से मुलाकात करने का अंतिम फैसला पार्टी नेतृत्व पर छोड़ दिया है।
प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेताओं ने बैठक के बाद क्या कहा?
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने बैठक के बाद कहा कि उन्होंने पार्टी आलाकमान के सामने अपनी राय रख दी है और अंतिम निर्णय उन्हीं पर छोड़ दिया है।
पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने भी कहा कि बैठक के दौरान लिए गए निर्णय गोपनीय हैं और केवल कांग्रेस प्रमुख या राहुल गांधी इनके बारे में बताएंगे।
बतौर रिपोर्ट्स, खड़गे अंतिम निर्णय लेने से पहले अन्य नेताओं के साथ भी बैठक कर सकते हैं।
मुलाकात
केजरीवाल ने खड़गे और राहुल से मांगा है मिलने का समय
केजरीवाल ने केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी नेताओं को एकजुट करने की कोशिश में खड़गे और राहुल से मिलने के लिए समय मांगा है।
बतौर रिपोर्ट्स, खड़गे ने अपने संदेश में केजरीवाल से कहा था कि वह पार्टी नेताओं के साथ राय लेने के बाद मुलाकात को लेकर निर्णय लेंगे।
केजरीवाल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राष्ट्रवादी कांग्रेस (NCP) प्रमुख शरद पवार के साथ मुलाकात कर चुके हैं।
उद्देश्य
विपक्षी नेताओं से क्यों मिल रहे हैं केजरीवाल?
केजरीवाल अध्यादेश को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को घेरने के लिए विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में जुटे हैं। उन्होंने कहा था कि भाजपा सरकार इस अध्यादेश को कानून बनाने के लिए राज्यसभा में विधेयक लाती है तो विपक्ष को उसका साथ देना चाहिए।
केजरीवाल ने कहा था कि यदि विपक्ष राज्यसभा में अध्यादेश को पारित होने से रोकने में सफल रहा तो यह 2024 के आम चुनावों से पहले एक बड़ा संदेश देगा।
मामला
क्या है अध्यादेश का मामला?
सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने 11 मई को अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग से जुड़े अधिकार दिल्ली सरकार को दे दिए थे। इसके बाद मामले में केंद्र ने 19 मई को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) अध्यादेश, 2023 जारी किया था।
इसके तहत दिल्ली में नौकरशाहों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए दिल्ली सरकार को मिले अधिकार को पलट दिया गया। इसके बाद एक बार फिर इस मामले में अंतिम फैसले का अधिकार उपराज्यपाल के पास आ गया है।