दिल्ली हाई कोर्ट ने पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर सुरक्षित रखा फैसला
क्या है खबर?
दिल्ली हाई कोर्ट में बुधवार को दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) नेता सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले में दलीलें सुनने के बाद अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया है।
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में पिछले साल 30 मई को जैन को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से ही वह तिहाड़ जेल में बंद हैं।
याचिका
ED का पूरा सहयोग कर रहे हैं जैन- याचिका
जैन ने अपनी याचिका में दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि वह अब तक 7 बार प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पेश हो चुके हैं और केंद्रीय जांच एजेंसी की जांच में पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि ट्रायल कोर्ट के जज और ED ने मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 को गलत तरीके से लागू किया था और उनकी आवास की प्रविष्टियां PMLA के तहत दंडनीय अपराध का कारण नहीं बन सकती हैं।
जानकारी
ED ने किया जैन की जमानत याचिका का विरोध
ED की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) एसवी राजू ने कहा कि जैन की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उनकी और अन्य सह-आरोपियों की मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में संलिप्तता स्पष्ट है। इसके बाद हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
याचिका
पिछले साल खारिज हुई थी जैन की जमानत याचिका
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने पिछले साल नवंबर में जैन के अपराध में संलिप्तता के संकेत मिलने के आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि जैन ने गलत तरीके से अर्जित किए गए धन के स्रोत को जानबूझकर छिपाया था।
कोर्ट ने जैन के 2 सह-आरोपियों वैभव जैन और अंकित जैन की जमानत अर्जी को भी खारिज कर दिया था।
इस्तीफा
जैन ने पिछले महीने दिया था मंत्री पद से इस्तीफा
जैन ने 28 फरवरी को मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वीकार कर लिया था।
जैन पिछले साल मई से जेल में बंद होने के बावजूद मंत्री पद पर बने हुए थे, जिसके चलते भाजपा और कांग्रेस लगातार आम आदमी पार्टी (AAP) पर निशाना साध रही थीं।
गौरतलब है कि जैन के साथ शराब नीति घोटाले में घिरे मनीष सिसोदिया ने भी उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था।
आरोप
सत्येंद्र जैन पर क्या आरोप हैं?
जैन पर आरोप है कि उन्होंने अपने परिजनों और रिश्तेदारों के साथ मिलकर 2011-12 में 11.78 करोड़ रुपये और 2015-16 में 4.63 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के लिए चार फर्जी कंपनियां बनाई थीं।
जैन पर आय से अधिक संपत्ति का भी आरोप है, जिसके बाद पिछले साल अप्रैल में उनकी 4.81 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर दी गई थी।
वहीं ED कई बार जैन को तिहाड़ जेल में VIP ट्रीटमेंट मिलने का भी आरोप लगाती रही है।