कांग्रेस के लिए एक और मुसीबत, तेलंगाना में 18 में से 12 विधायक TRS में शामिल
लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना करने वाली कांग्रेस के लिए मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक ओर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफा देने पर अड़े हुए हैं, वहीं दूसरी ओर पार्टी में आंतरिक कलह बढ़ रही है और नेता पार्टी छोड़ कर भाग रहे हैं। एक नए संकट में गुरुवार को तेलंगाना के 12 विधायकों पार्टी से अलग होकर राज्य में सत्ता पर काबिज तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) में शामिल होने की घोषणा की।
गुरुवार को 12वें विधायक ने जताई TRS में शामिल होने की इच्छा
पिछले साल 7 दिसंबर को हुए तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी। लेकिन इसके बाद अगले कुछ महीनों में उसके 11 विधायक TRS की तरफ चले गए। हालांकि, दल-बदल विरोधी कानून से बचने के लिए इन विधायकों ने आधिकारिक तौर पर कांग्रेस से इस्तीफा नहीं दिया। गुरुवार को एक और विधायक पी रोहित रेड्डी ने TRS के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामाराव से मुलाकात करते हुए पार्टी में शामिल होने की इच्छा जाहिर की।
सांसद बनने पर एक विधायक को देना पड़ा इस्तीफा
वहीं, हुजूरनगर से कांग्रेस विधायक एन उत्तम कुमार रेड्डी को नालगोंडा सीट से लोकसभा चुनाव जीतने के कारण बुधवार को विधानसभा से इस्तीफा देना पड़ा था। इससे विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 18 रह गई थी।
क्या है दल-बदल विरोधी कानून?
दल-बदल विरोधी कानून के अनुसार, कोई भी विधायक या सांसद अगर अपनी पार्टी बदलता है तो उसे अपनी सदस्यता से हाथ धोना पड़ता है। लेकिन अगर किसी पार्टी के दो-तिहाई विधायक या सांसद अपनी पार्टी छोड़ते हैं तो उन पर ये कानून लागू नहीं होगा। पार्टी के इन सदस्यों को अपनी अलग पार्टी बनाने की अनुमति नहीं होगी, लेकिन ये किसी अन्य पार्टी में शामिल हो सकते हैं।
स्पीकर को सौंपा विलय का प्रस्ताव
इसी कारण जैसे ही गुरूवार को 12वें बागी विधायक रोहित रेड्डी ने TRS में शामिल होने की इच्छा जताई, केटी रामाराव ने कांग्रेस के सभी 12 बागी विधायकों को प्रगति मैदान स्थित अपने आवास पर लंच के लिए बुला लिया। यहां कांग्रेस के विधायकों ने तत्काल विधायक दल की बैठक की और इसमें TRS में विलय करने का प्रस्ताव पास किया। इसके बाद वह विधानसभा गए और स्पीकर को विलय का प्रस्ताव सौंपा, जिस पर आधिकारिक रजामंद अभी बाकी है।
कांग्रेस के पास बचे 6 विधायक, एक और हो सकता है TRS में शामिल
वहीं, 12 विधायकों के TRS में शामिल होने के बाद अब राज्य विधानसभा में कांग्रेस के बस 6 विधायक रह गए हैं। एक और विधायक के जल्द ही कांग्रेस छोड़कर TRS में शामिल होने की अटकलें भी तेज हैं। लोकसभा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन के बाद कांग्रेस को उम्मीद थी कि उसके विधायकों को पार्टी छोड़ना रुक जाएगा, लेकिन मंगलवार को स्थानीय निकाय चुनाव में करारी हार ने उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
उम्मीदों के विपरीत कांग्रेस ने जीती थीं 3 लोकसभा सीटें
बता दें कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उम्मीदों के विपरीत तेलंगाना की 17 सीटों में से 3 पर जीत दर्ज की थी। TRS ने सबसे अधिक 9 और भारतीय जनता पार्टी ने 4 सीटों पर जीत दर्ज की। AIMIM को 1 सीट प्राप्त हुई।