हरियाणा कांग्रेस की बैठक में हुई घमासान लड़ाई, राज्य प्रमुख ने कहा- मुझे गोली मार दो
लोकसभा चुनाव में करारी हार का असर कांग्रेस और उसके नेताओं पर साफ दिख रहा है। इसका एक और उदाहरण मंगलवार को नई दिल्ली में हरियाणा कांग्रेस की बैठक में देखने को मिला, जिसमें नेता आपस में भिड़ गए और बात गालियों, वॉक आउट और धमकियों तक पहुंच गई। बैठक के अंत में हरियाणा कांग्रेस प्रमुख अशोक तंवर ने अपने साथियों से कहा, "मुझे गोली मार दो।" उन्होंने ऐसा क्यों कहा, आइए आपको बताते हैं।
गुलाम नबी आजाद ने बुलाई थी बैठक
मंगलवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने इसी साल अक्टूबर में होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव की रणनीति पर विचार करने के लिए बैठक बुलाई थी। 'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, आजाद ने इस घोषणा के साथ बैठक की शुरूआत की कि जल्द ही राज्य के संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव होंगे। उन्होंने जिलेवार जन संपर्क कार्यक्रम भी तैयार किया था और इस पर सभी की राय मांगी।
लड़ाई होते देख बैठक से बाहर चले गए आजाद
जल्द ही बैठक का माहौल आपसी लड़ाई में बदल गया और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गुट ने तंवर पर निशाना साधना शुरू कर दिया। लड़ाई होते देख आजाद बैठक छोड़कर चले गए। एक नेता के अनुसार, हुड्डा के भरोसेमंद और झज्जर से विधायक गीता भुक्कल और विधायक दल की नेता किरण चौधरी के बीच बहस हो गई। इसके बाद कई नेताओं ने लोकसभा चुनाव में हार को लेकर तंवर पर निशाना साधना शुरू कर दिया।
तंवर ने खोया आपा
अंत में तंवर ने अपना आपा खो दिया और कहा, "मैं अकेला हूं लेकन मैं आप सभी का सामना करूंगा। मेरे को अगर खत्म करना है तो मुझे गोली मार दो।" इसके बाद वह बैठक से बाहर चले गए। बाहर जाते वक्त भी उनकी एक विधायक से तीखी बहस हुई। गुरूग्राम से लोकसभा उम्मीदवार रहे कैप्टन अजय सिंह यादव ने इस बीच नेताओं से कहा कि हमें एक-दूसरे पर आरोप लगाना बंद करना चाहिए नहीं तो और डूबेंगे।
कांग्रेस को आंतरिक कलह से पानी होगी पार
कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में हरियाणा की सभी 10 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है। राज्य में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में पार्टी नेताओं को ऐसा व्यवहार, आपसी फूट और गुटबाजी उसकी परेशानियों में इजाफा ही करेगा। भारतीय जनता पार्टी के मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री की गद्दी से हटाने के लिए कांग्रेस को आंतरिक कलह से पार पानी होगी, नहीं तो लोकसभा चुनाव जैसा हाल विधानसभा चुनाव में भी तय है।