खराब स्वास्थ्य के कारण अरुण जेटली का वित्त मंत्री बनना मुश्किल- रिपोर्ट

लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रचंड बहुमत के बाद सबकी नजरें इस बात पर हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी कैबिनेट में किसे शामिल करते हैं और किसे कौन सा मंत्रालय मिलता है। इसी संंबंध में आ रही खबरों की मानें तो पूरी संभावना है कि इस बार अरुण जेटली को वित्त मंत्रालय न मिले। इसका सबसे अहम कारण उनकी खराब सेहत को माना जा रहा है। उनकी जगह पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय मिलने की संभावनाएं हैं।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अरुण जेटली को इस बार वित्त मंत्रालय नहीं मिलेगा। रिपोर्ट में यह बात मामले से जुड़े 4 सूत्रों के हवाले से कही गई है। सूत्रों के मुताबिक 66 वर्षीय जेटली का स्वास्थ्य इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है। एक सूत्र के अनुसार, "वह वित्त मंत्रालय इसलिए नहीं लेंगे क्योंकि वह बेहद अस्वस्थ्य हैं। अगर जरूरी हुआ तो वह किसी कम तनावपूर्ण भूमिका में नजर आ सकते हैं।"
बता दें कि जेटली पिछले काफी समय से बीमार हैं और इसी कारण वह फरवरी में अंतरिम बजट भी पेश नहीं कर पाए थे। उस समय वह अमेरिका में अपना इलाज कराने गए थे। उनकी जगह पीयूष गोयल ने बजट पेश किया था। इससे पहले भी जब वह बीमार हुए थे तो गोयल ने वित्त मंत्रालय का पदभार संभाला था। इसी कारण संभावना जताई जा रही है कि उन्हें इस बार वित्त मंत्री बनाया जा सकता है।
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में जेटली प्रधानमंत्री मोदी के सबसे विश्वसनीय और भरोसेमंद मंत्रियों में रहे थे और यही कारण है कि उन्हें शुरुआत में 3 मंत्रालयों (वित्त, रक्षा और सूचना प्रसारण) का प्रभार दिया गया था। वित्त मंत्री के तौर पर उन्होंने GST को लागू करने में अहम योगदान दिया। हालांकि उनकी सेहत ने उन्हें धोखा दे दिया और पिछले साल मई में उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ। इसके बाद से उनकी सेहत बहुत अच्छी नहीं रही है।
जेटली गुरुवार शाम को भाजपा मुख्यालय में बनाए गए जीत के महाजश्न में भी नजर नहीं आए थे। इस बीच मोदी और शाह ने कार्यकर्ताओं को जीत पर संबोधित किया था। जेटली ने ट्वीट कर मोदी को जीत की बधाई दी थी।
अगर हम अन्य मंत्रालयों की बात करें तो विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ीं और उनका जाना भी तय लग रहा है। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण उनकी जगह ले सकती हैं। इसके अलावा अगर अमित शाह को कैबिनेट में जगह दी जाती है तो उन्हें गृह या रक्षा मंत्रालय से नीचे कोई भी पदभार नहीं दिया जाएगा। नितिन गडकरी को भी अहम मंत्रालय मिल सकता है। राजनाथ गृह मंत्री बने रह सकते हैं।