प्रणब मुखर्जी ने की लोकसभा सीटों की संख्या 1,000 करने की वकालत, जनसंख्या को बनाया आधार
क्या है खबर?
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने लोकसभा में सीटों की संख्या 545 से बढ़ाकर 1,000 करने की वकालत की है।
उन्होंने इसी अनुपात में राज्यसभा और राज्य विधानसभाओं में सीटों की संख्या बढ़ाने की बात भी कही।
उन्होंने देश की बढ़ती जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए ये बदलाव करने को कहा है।
बता दें कि 1977 में लोकसभा सीटों की संख्या बढ़ाने पर पाबंदी लगा दी गई थी। तब अंतिम बार सीटों की संख्या बढ़ाई गई थी।
मेमोरियल लेक्चर
प्रणब बोले, हर लोकसभा सीट पर 16 लाख वोटर
सोमवार को नई दिल्ली में अपने अटल बिहारी वाजयेपी मेमोरियल लेक्चर में प्रणब मुखर्जी ने कहा कि लगभग आधी सदी पहले लोकसभा की सीटों की संख्या बढ़ाई गई थी।
उन्होंने कहा, "तब पूरे देश की जनसंख्या 55 करोड़ थी। इसके बाद संसद और राज्य विधानसभाओं सीटों की संख्या 2026 तक बढ़ाने पर पाबंदी लगाई गई थी। इसका परिणाम ये हुआ है कि 2011 की जनगणना के अनुसार हर लोकसभा सीट पर वोटरों की संख्या 16 लाख तक पहुंच गई है।"
पाबंदी
पाबंदी हटाए जाने के पक्ष में मजबूत तर्क- प्रणब
2019 लोकसभा चुनाव में करीब 90 करोड़ वोटर्स होने की तरफ ध्यान खींचते हुए प्रणब मुखर्जी ने कहा, "संसद के एक सदस्य (सांसद) के औसतन 16-18 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करने पर हम ये उम्मीद कैसे कर सकते हैं कि सांसद वोटर्स के संपर्क में रहेंगे?"
उन्होंने कहा कि 2026 तक संसद और विधानसभाओं में सीटों की संख्या बढ़ाए जाने की पाबंदी को हटाने के पक्ष में मजबूत तर्क हैं।
वकालत
प्रणब ने पाबंदी हटाने के विरोध का बताया बहाना
पाबंदी को हटाए जाने के विरोध पर मुखर्जी ने कहा, "जब भी इस पाबंदी को हटाने की बात होती है, इसका विरोध करने के लिए कई तर्क रखे जाते हैं। कुछ लोग सांसदों को बैठाने के लिए जगह की कमी जैसे सवाल खड़ा करते हैं। मेरे हिसाब से ये सब कुछ नहीं बस बहाने हैं।"
उन्होंने कहा कि लोकसभा में सीटों की संख्या बढ़ाकर 1,000 कर देनी चाहिए और राज्यसभा और विधानसभा में भी इसी अनुपात में सीटें बढ़ानी चाहिए।
सुझाव
संसद के केंद्रीय कक्ष को नई लोकसभा बनाने का सुझाव
मुखर्जी ने सीटों की संख्या बढ़ने पर सांसदों के बैठने की व्यवस्था के लिए संसद के मौजूदा केंद्रीय कक्ष को लोकसभा में बदलने और मौजूदा लोकसभा को राज्यसभा में बदलने की बात कही।
उन्होंने कहा, "केंद्रीय कक्ष को नई लोकसभा और मौजूदा लोकसभा को नई राज्यसभा में क्यों नहीं बदला जा सकता? हमें हटकर सोचने की जरूरत है।"
उन्होंने कहा कि वो देखना चाहते हैं कि संसद की नई इमारत भारत में संसदीय व्यवस्था के कामकाज को कैसे बेहतर करेगी।
जानकारी
संसद की नई इमारत बना रही है सरकार
बता दें कि मोदी सरकार संसद की नई इमारत बनाने की योजना पर काम कर रही है। ऐसे समय पर खुद संसद के दोनों सदनों के सदस्य रह चुके मुखर्जी की सीटें बढ़ाने की मांग की अहमियत और बढ़ जाती है।