केजरीवाल ने ED के समन को गैरकानूनी बताया, बोले- मेरे पास छिपाने को कुछ नहीं
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कथित शराब घोटाले में मिले प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समन को गैरकानूनी और राजनीति से प्रेरित करार दिया है। उन्होंने कहा कि ED का समन पिछले समन की तरह गैरकानूनी है और उनके पास छिपाने को कुछ नहीं है। केजरीवाल ने ED से समन वापस लेने की भी अपील की। बता दें कि शराब घोटाले में केजरीवाल को आज ED के समक्ष पेश होना था।
केजरीवाल बोले- मैंने अपना जीवन ईमानदारी से जीया
केजरीवाल ने कहा, "मैं हर कानूनी समन मानने को तैयार हूं, लेकिन ED का यह समन भी पिछले समन की तरह गैरकानूनी और राजनीति से प्रेरित है। ED को इसे वापस लेना चाहिए। मैंने अपना जीवन ईमानदारी और पारदर्शिता से जीया है। मेरे पास छिपाने को कुछ नहीं है।" केजरीवाल के जवाब से स्पष्ट हो चुका है कि वे पूछताछ के लिए आज भी ED के सामने पेश नहीं होंगे।
10 दिवसीय विपश्यना शिविर में हैं केजरीवाल
केजरीवाल 20 दिसंबर से पंजाब के होशियारपुर स्थित विपश्यना शिविर में हैं। ये दूसरी बार है जब केजरीवाल ED के समन पर पेश नहीं हुए हैं। इससे पहले 2 नवंबर को ED ने केजरीवाल को तलब किया था, लेकिन केजरीवाल ने तब भी पेश होने से इनकार कर दिया था। जानकारों का कहना है कि अब केजरीवाल को पेश न होने की जायज वजह बतानी होगी। इसके बाद ED उन्हें अन्य तारीख पर बुला सकती है।
केजरीवाल से क्यों पूछताछ करना चाहती है ED?
ED ने केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में समन जारी किया है। आरोप है कि जब शराब नीति बनाई जा रही थी, तब केजरीवाल कई आरोपियों के संपर्क में थे। ED की चार्जशीट में भी केजरीवाल का नाम है। एक आरोपी विजय नायर ने पूछताछ में कहा था कि उसने केजरीवाल से उनके आवास पर मुलाकात की थी। एक अन्य आरोपी ने भी पूछताछ में केजरीवाल का नाम लिया था।
क्या है दिल्ली का शराब नीति मामला?
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नई शराब नीति लागू की थी। इसके तहत शराब के ठेकों को निजी हाथों में सौंपा जाना था और 32 जोन में 849 दुकानें खुलनी थीं। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस नीति में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए जांच की सिफारिश की थी। मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया फरवरी से और आम आदमी पार्टी (AAP) सांसद संजय सिंह अक्टूबर से जेल में हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस
विपश्यना एक तरह की ध्यान विधि है, जो करीब ढाई हजार साल पुरानी माना जाती है। इसका अर्थ होता है चीजों को वैसे ही देखना जैसे वे वास्तव में होती है। इस पद्धति में मौन रहते हुए घंटों ध्यान करना होता है। सोने, जागने, ध्यान करने, खाना खाने का समय भी निर्धारित होता है। इसे आत्म निरीक्षण और आत्म शुद्धि की बेहतरीन पद्धति माना गया है। पिछले कुछ सालों से विपश्यना पद्धति काफी लोकप्रिय हुई है।