अरविंद केजरीवाल का दावा, केंद्र सरकार फिर से ला रही कृषि कानून
क्या है खबर?
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संजोयक अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर रद्द हो चुके 3 कृषि कानूनों को पीछे से लागू करने का आरोप लगाया है।
गुरुवार को केजरीवाल ने एक्स पर लिखा, 'पंजाब में किसान कई दिनों से धरने और अनिश्चित अनशन पर बैठे हैं। इनकी वही मांगे हैं जो केंद्र ने तीन साल पहले मान ली थी, लेकिन अभी तक लागू नहीं की। भाजपा सरकार अब अपने वादे से मुकर गई।'
दावा
आगे क्या लिखा केजरीवाल ने?
केजरीवाल ने आगे लिखा, 'भाजपा सरकार किसानों से बात तक नहीं कर रही। उनसे बात तो करो। हमारे ही देश के किसान हैं। भाजपा को इतना ज़्यादा अहंकार क्यों है कि किसी से बात भी नहीं करते? पंजाब में जो किसान अनिश्चित अनशन पर बैठे हैं, भगवान उन्हें सलामत रखें लेकिन यदि उन्हें कुछ होता है तो इसके लिए भाजपा ज़िम्मेदार होगी।'
निशाना
नीति बताकर वापस ला रही काले कानून- केजरीवाल
केजरीवाल ने आगे लिखा, 'देशभर के किसानों की जानकारी के लिए मैं बता दूं कि जो तीन काले क़ानून केंद्र ने तीन साल पहले किसानों के आंदोलन की वजह से वापिस लिए थे, उन्हें "पालिसी" कहकर केंद्र सरकार पिछले दरवाज़े से दोबारा लागू करने की तैयारी कर रही है। इस नीति की कॉपी उनके विचार जानने के लिए केंद्र ने सभी राज्यों को भेजी है।'
बता दें कि किसानों के मुद्दे को लेकर AAP केंद्र पर हमलावर है।
ट्विटर पोस्ट
पढ़िए, केजरीवाल ने क्या लिखा
पंजाब में किसान कई दिनों से धरने और अनिश्चित अनशन पर बैठे हैं। इनकी वही मांगे हैं जो केंद्र सरकार ने तीन साल पहले मान ली थी लेकिन अभी तक लागू नहीं की। बीजेपी सरकार अब अपने वादे से मुकर गई। बीजेपी सरकार किसानों से बात तक नहीं कर रही। उनसे बात तो करो। हमारे ही देश के किसान हैं।…
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) January 2, 2025
मुद्दा
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आतिशी को लिखा था पत्र
केजरीवाल द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत को पत्र लिखने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखा है।
उन्होंने लिखा, "बहुत दुख के साथ लिख रहा हूं। आपने कभी भी दिल्ली के किसानों के हित में उचित निर्णय नहीं लिए हैं। केंद्र की किसान हितैषी योजनाओं को भी आपकी सरकार ने दिल्ली में लागू होने से रोका है। आपकी सरकार को किसानों से कोई हमदर्दी नहीं है।"
कानून
क्या है रद्द किए गए 3 कृषि कानून?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार बताकर सितंबर 2020 में 3 कानून लाई थी।
इसमें निजी मंडिया बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी, सरकारी मंडियों के बाहर व्यापारिक बिक्री और अनाज-दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान थे।
कानूनों के विरोध में पंजाब-हरियाणा समेत कई राज्यों के किसानों ने नवंबर 2020 से इसका विरोध शुरू किया, जो एक साल तक चला।
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने नवंबर, 2021 को कानून वापस ले लिए।