क्या है 'प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी' योजना, जिसे विद्यार्थियों के हित में केंद्र सरकार ने दी मंजूरी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बड़ा निर्णय लेते हुए 'प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी' योजना को मंजूरी दी गई है। यह योजना मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, जिससे आर्थिक तंगी के कारण कोई भी विद्यार्थी उच्च शिक्षा से वंचित न रह सके। यह योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 की ही एक महत्वपूर्ण पहल है। ऐसे में आइए जानते हैं यह योजना क्या है और इसमें क्या लाभ मिलेगा।
क्या है 'प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी' योजना?
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक्स पर प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना के विवरण दिया है। यह योजना उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश लेने के इच्छुक आर्थिक तंगी से जूझ रहे छात्रों के लिए वरदात है। इसमें गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षण संस्थान (QHEI) में प्रवेश लेने वाले सभी छात्रों को पाठ्यक्रम से संबंधित ट्यूशन फीस और अन्य खर्चों की पूर्ती के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों से बिना किसी गारंटर के 10 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाएगा।
क्या होगी योजना का लाभ लेने के लिए पात्रता?
इस योजना में 8 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवारों के सभी पात्र होंगे। ऋण लेने वाले मेधावी छात्रों को 3 प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी भी दी जाएगी। इससे उन्हें यह ऋण महंगा नहीं पड़ेगा। योजना के तहत हर साल 1 लाख विद्यार्थियों को लाभ दिया जाएगा। इसी तरह साढ़े 7 लाख रुपये के ऋण तक के लिए केंद्र सरकार 75 प्रतिशत क्रेडिट गारंटी भी देगी। यह योजना सरल, पारदर्शी होने के साथ पूरी तरह से डिजिटल होगी।
योजना के तहत कैसे मिलेगा ऋण?
यह योजना देश के शीर्ष QHEI पर लागू होगी। ऐसे में राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) की अखिल भारतीय रैंकिंग में पहले 100 या राज्य रैंकिंग में पहले 200 स्थानों पर आने वाले शिक्षण संस्थानों में प्रवेश लेने पर ही इस याेजना का लाभ मिलेगा। इस रैंकिंग को हर साल अपडेट किया जाएगा। पहले 860 योग्य QHEI के साथ योजना की शुरुआत होगी। इससे 22 लाख से अधिक छात्र इस योजना का लाभ उठाने में सक्षम होंगे।
सरकार के योजना के लिए कितना बजट तय किया है?
सरकार ने इस योजना के लिए साल 2024-25 से 2030-31 के दौरान 3,600 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है। इस अवधि के दौरान 7 लाख नए छात्रों को इस ब्याज छूट का लाभ मिलने की उम्मीद है। योजना की सफलता को देखते हुए इसके बजट में इजाफा भी किया जा सकता है। बता दें कि विद्यालक्ष्मी योजना के तहत साढ़े लाख रुपए तक की सालाना आय वाले छात्रों को पहले से पूर्ण ब्याज अनुदान मिल रहा है।
कैसे कर सकेंगे योजना के लिए आवेदन?
प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना के लिए आवेदन ऑनलाइन करना होगा। उच्च शिक्षा विभाग के पास एक एकीकृत पोर्टल https://www.vidyalakshmi.co.in/ बना रखा है। इसके जरिए छात्र सभी बैंकों द्वारा उपयोग की जाने वाली सरलीकृत आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षा ऋण के साथ-साथ ब्याज छूट के लिए भी आवेदन कर सकेंगे। खास बात यह है कि ब्याज छूट का भुगतान ई-वाउचर और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) वॉलेट के माध्यम से ही किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने योजना को लेकर क्या कहा?
प्रधानमंत्री मोदी ने योजना को मंजूरी देने के बाद कहा कि शिक्षा को और अधिक सुलभ बनाने के लिए यह एक अच्छा कदम है। कैबिनेट ने युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि यह योजना यह युवा शक्ति को सशक्त बनाने और हमारे राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस योजना की प्रशंसा की है।