शुभकरण सिंह: 2 बहनों के इकलौते भाई, जिनके कंधों पर था पूरे घर का बोझ
किसानों के दिल्ली मार्च के दौरान 21 फरवरी का दिन बेहद उथल-पुथल भरा रहा। इस दौरान एक पुलिसकर्मी की जान गई, कई किसान घायल हुए और 24 साल के युवा किसान शुभकरण सिंह ने भी दम तोड़ दिया। किसानों का कहना है कि सिंह की मौत पुलिस द्वारा चलाई गोली लगने से हुई है। हालांकि, हरियाणा पुलिस ने मामले पर अभी तक कुछ नहीं कहा है। आइए जानते हैं कि शुभकरण सिंह कौन थे।
2 बहनों के इकलौते भाई थे शुभकरण
शुभकरण पंजाब के बठिंडा जिले के बालोन गांव के रहने वाले थे। उनके परिवार में दादा, पिता और 2 बहनें हैं। मां का पहले ही निधन हो चुका है। एक बहन की शादी हो चुकी है और दूसरी छोटी बहन फिलहाल पढ़ाई कर रही है। NDTV के मुताबिक, शुभकरण 2 एकड़ जमीन के मालिक थे। वे अपने चाचा के साथ कुछ जमीन ठेके पर लेकर भी खेती करते थे। शुभकरण के पास कुछ मवेशी जानवर भी थे।
शुभकरण के पिता मानसिक बीमारी से पीड़ित
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि शुभकरण के पिता मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं, जिसके चलते घर की पूरी जिम्मेदारी शुभकरण के कंधों पर ही थी। शुभकरण छोटी बहन की शादी के लिए पैसे जोड़ रहे थे। BBC से बात करते हुए शुभकरण के चाचा बलजीत सिंह ने कहा, "शुभकरण की मां 15 साल पहले ही गुजर गई थीं। वह अपने पीछे 2 बहनों और एक दादी को छोड़ गया है।"
किसान आंदोलनों में सक्रिय थे शुभकरण
बलजीत सिंह ने कहा, "शुभ घर के सारे काम संभालने के साथ-साथ किसान आंदोलन में भी हिस्सा ले रहा था। उसने दिल्ली वाले आंदोलन में भी हिस्सा लिया था। वह अपने दोस्तों के साथ 13 फरवरी को यहां आया था। मैंने उसे 19 फरवरी को फोन करके वापस आने को कहा था, लेकिन उसने कहा कि वह फरवरी में दिल्ली तक पहुंचकर वापस आएगा।" शुभकरण गांव के 15 किसानों के साथ मार्च में शामिल होने आए थे।
भगवंत मान बोले- मुकदमा दर्ज करेंगे
शुभकरण की मौत पर राजनीति भी गरमा गई है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पोस्टमॉर्टम के बाद पंजाब सरकार FIR दर्ज कराएगी और अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी। शिरोमणि अकाली दल (SAD) के सुखबीर सिंह बादल ने लिखा, 'ये बेहद दुखद है। बठिंडा के मौर में रहने वाले शुभकरण सिंह की हरियाणा पुलिस की फायरिंग में मौत होने से पूरा पंजाब शोक में डूब गया है।' कांग्रेस ने भी सरकार पर सवाल उठाए हैं।
किसान आंदोलन में क्या चल रहा है?
अपनी मांगों को लेकर किसान और सरकार के बीच 4 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला है। इस बीच हरियाणा के 7 जिलों में इंटरनेट पर बैन 23 फरवरी तक बढ़ा दिया है। दूसरी ओर, शुभकरण की मौत के बाद किसानों ने 2 दिन तक आंदोलन को रोकने का फैसला लिया है। आज संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने अहम बैठक बुलाई है, जिसमें आगे की रणनीति निर्धारित की जाएगी।