अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया सरकारी आवास खाली करके के बाद कहां रहेंगे?
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद के घरों का सहारा मिला है। सिसोदिया ने ने गुरुवार को सरकारी आवास AB-17 खाली कर दिया है। यह आवास मुख्यमंत्री आतिशी के नाम पर आवंटित था। आवास खाली करने के बाद सिसोदिया अपने परिवार के साथ राज्यसभा सांसद और पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह के राजेंद्र प्रसाद रोड स्थित बंगले में शिफ्ट हुए हैं। आतिशी अब AB-17 में शिफ्ट होंगी।
सिसोदिया को क्यों छोड़ना पड़ा आवास?
सिसोदिया के जेल जाने के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद आतिशी को शिक्षा विभाग की कमान मिली थी। इसके बाद दिल्ली सरकार ने सिसोदिया का सरकारी आवास AB-17 आतिशी को आवंटित किया था। तब आतिशी आवास में शिफ्ट नहीं हुई थी और अपने निजी आवास में रह रही थीं। आतिशी ने तब कहा था कि सिसोदिया की पत्नी बीमार है, ऐसे में वह चाहती थीं कि सिसोदिया का परिवार यहीं रहे।
अरविंद केजरीवाल कल करेंगे नए घर में प्रवेश
आतिशी अब अपना निजी आवास छोड़कर सरकारी आवास AB-17 में रहेंगी और इसे आधिकारिक रूप से मुख्यमंत्री आवास के तौर पर जाना जाएगा। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शुक्रवार को सिविल लाइंस इलाके में 6 फ्लैगस्टाफ रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास खाली कर देंगे और फिरोजशाह रोड स्थित AAP के राज्यसभा सांसद अशोक मित्तल के बंगले पर रहेंगे। सिविल लाइंस में केजरीवाल अभी तक AAP समर्थक नरेन जैन के बंगले में हैं, जहां केजरीवाल 2015 से रह रहे हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री का नहीं होता कोई सरकारी आवास
दिल्ली के मुख्यमंत्री के पास कोई आधिकारिक आवास नहीं होता। वह जिस आवास में रहता है, उसे ही आधिकारिक आवास माना जाता है। मौजूदा समय में केजरीवाल जिस सिविल लाइंस स्थित मकान में हैं, वो कभी लेखक सलमान रुश्दी के पूर्वजों का था। अभी उसके मालिक नरेन जैन हैं, जो आम आदमी पार्टी समर्थक हैं। इस घर को संवारने पर भाजपा ने केजरीवाल को घेरा था और इसे आलीशान सुविधाओं वाला 'शीशमहल' बताया था।
फरवरी 2023 में गिरफ्तार हुए थे सिसोदिया
दिल्ली की शराब नीति मामले में कथित घोटाले को लेकर सिसोदिया को फरवरी 2023 में पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और उसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था। जेल जाने के कुछ महीने बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 9 अगस्त को कुछ शर्तों के साथ सिसोदिया को जमानत दे दी। कोर्ट ने सिसोदिया को 10 लाख रुपये का मुचलका भरने को कहा था। सिसोदिया ने अपना पासपोर्ट सरेंडर कर दिया है।