अमित शाह की किसानों को सशर्त बातचीत की पेशकश, किसान बोले- शर्त लगाना उचित नहीं
गृह मंत्री अमित शाह ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के सामने सशर्त बातचीत का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने कहा है कि अगर किसान सरकार द्वारा प्रदान किए गए बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान में शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने को तैयार हो जाते हैं तो सरकार अगले ही दिन उनसे बातचीत कर लेगी। हालांकि किसान संगठन उनके इस प्रस्ताव से खुश नहीं हैं और उन्होंने बिना शर्त बातचीत की मांग की है।
शाह बोले- निरंकारी मैदान में सरकार ने किसानों के लिए की है हर व्यवस्था
शनिवार को अपने एक इंटरव्यू में शाह ने कहा, "पिछले कुछ दिनों से पंजाब और हरियाणा और देश के कुछ अन्य हिस्सों के किसान दिल्ली की सीमा पर आए हुए हैं। किसान भाइयों से मेरी विनम्र अपील है कि सरकार ने दिल्ली के बुराड़ी में आपके लिए उचित व्यवस्था की है, जहां आप अपना प्रदर्शन कर सकते हैं। सरकार ने निरंकारी मैदान में पानी, शौचालय और चिकित्सा देखभाल की व्यवस्था की है ताकि किसानों को कोई असुविधा न हो।"
सरकार हर समस्या और हर मांग पर विचार करने को तैयार- शाह
किसानों के साथ बातचीत पर शाह ने कहा कि कृषि मंत्री और किसानों के बीच 3 दिसंबर को बातचीत होनी है और भारत सरकार उनकी हर समस्या और हर मांग पर विचार करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, "अगर किसान चाहते हैं कि सरकार 3 दिसंबर से पहले बात करे तो मेरा आपको आश्वासन है कि जैसे ही आप निर्धारित स्थान पर स्थानांतरित हो जाते हैं, उसके दूसरे ही दिन सरकार आपकी मांगों पर बातचीत के लिए तैयार है।"
किसान बोले- बिना शर्त खुले दिन से बातचीत की पेशकश करें शाह
हालांकि बातचीत के लिए शाह का ये सशर्त प्रश्ताव किसान संगठनों के गले नहीं उतरा है। भारतीय किसान यूनियन (BKU), पंजाब के अध्यक्ष जगजीत सिंह ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "अमित शाह जी ने सशर्त मिलने की बात कही है जो उचित नहीं है। उन्हें बिना शर्त खुले दिल से बातचीत की पेशकश करनी चाहिए।" उन्होंने कहा कि किसान संगठन रविवार को बैठक कर आगे की योजना पर विचार विमर्श करेंगे।
बीते कई दिन से सड़कों पर हैं किसान
बता दें कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में कई राज्यों, विशेषकर पंजाब और हरियाणा, के किसान 25 नवंबर से ही दिल्ली मार्च पर निकले हुए हैं और उन्हें दिल्ली पहुंचने से रोकने की हरियाणा पुलिस की तमाम कोशिशें नाकाम रही हैं। पुलिस ने रास्ते खोदने और पत्थर और बैरिकेंडिंग लगाने से लेकर शीत लहर में वॉटर कैनन और आंसू गैल के गोलों का प्रयोग करने तक लगभग हर चीज आजमाई, लेकिन किसानों को नहीं रोक पाई।
जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करना चाहते हैं किसान
दिल्ली की सीमा पर डटे किसानों के सामने सरकार ने शुक्रवार को बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान में शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने का प्रस्ताव रखा था, हालांकि किसानों ने इस प्रस्ताव का मानने से इनकार कर दिया और जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की मंजूरी मांगी है।
क्या है कृषि कानूनों का पूरा मामला?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडार सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।