लॉकडाउन के दौरान सभी EMI जमा कराने वालों को बैंक से मिलेगा कैशबैक
क्या है खबर?
देश में लागू किए गए लॉकडाउन में EMI चुकाने में मिली छूट के बाद ब्याज पर ब्याज की छूट के मामले में सरकार ने स्थिति स्पष्ट कर दी है।
वहीं वित्त मंत्रालय ने यह भी कहा है कि यदि आपने लॉकडाउन के दौरान लोन मोराटोरियम का लाभ नहीं उठाया और सभी किश्तें चुकाई हैं तो आपको बैंक से कैशबैक मिलेगा।
इसी तरह सरकार ने छूट के दौरान की EMI के ब्याज पर ब्याज माफी को भी मंजूरी दे दी है।
प्रकरण
सरकार ने दी थी EMI जमा करने के लिए छह महीने की छूट
बता दें कि देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लगा था। उस दौरान सरकार ने कर्जदारों को EMI चुकाने के लिए लोन मोराटोरियम के तहत छह महीने की छूट दी थी।
लोन मोराटोरियम को 1 मार्च से 31 अगस्त तक लागू किया गया था। उसके बाद बैंकों ने मोराटोरियम पीरियड के दौरान ब्याज पर ब्याज लेना शुरू कर दिया तो मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया।
बाद में सरकार ने ब्याज पर ब्याज की छूट देने की घोषणा की थी।
लाभ
समय पर EMI चुकाने वालों को मिलेगा साधारण ऋण ब्याज में अंतर का लाभ
लोन मोराटोरियम का लाभ उठाने वालों को ब्याज पर ब्याज की माफी देने के बाद बड़ा सवाल यह उठ रहा था कि जिन कर्जदारों ने लॉकडाउन जैसी कठिन परिस्थियों में कर्ज का भुगतान किया, उनके साथ नाइंसाफी होगी।
ऐसे में सरकार ने साफ कर दिया है कि यदि किसी कर्जदार ने किश्तों का भुगतान समय पर किया है तो बैंक से उन्हें कैशबैक मिलेगा। इसमें कर्जदारों को छह महीने के साधारण ब्याज और चक्रवृद्धि ब्याज में अंतर का लाभ मिलेगा।
जानकारी
एक करोड़ रुपये की EMI चुकाने वालों को मिलेंगे 16,000 रुपये
बैंकों की गणना के अनुसार यदि किसी कर्जदार ने एक करोड़ रुपये की हाउसिंग लोग की समय पर किश्तें चुकाई है तो उसे साधारण ऋण ब्याज में अंतर के तहत करीब 16,000 रुपये का कैशबैक मिलेगा।
छूट
दो करोड़ रुपये तक के कर्ज पर मिली थी छूट
सरकार ने पिछले दिनों दो करोड़ रुपये तक के कर्ज वालों को मोराटोरियम के दौरान ब्याज पर ब्याज में माफी का ऐलान किया था।
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर कहा था कि MSME लोन, एजुकेशन, हाउसिंग, कंज्यूमर, ऑटो, क्रेडिट कार्ड बकाया और उपभोग लोन पर लागू चक्रवृद्धि ब्याज (ब्याज पर ब्याज) को माफ किया जाएगा।
इसमें बैंक, सहकारी बैंक, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां और माइक्रोफाइनेंस संस्थानों द्वारा दिए कर्ज को शामिल किया गया है।
बोझ
सरकारी खजाने पर पड़ेगा 6,500 करोड़ रुपये का बोझ
दिशानिर्देश के अनुसार बैंक और वित्तीय संस्थान मोराटोरियम का लाभ उठाने वाले कर्जदारों के ऋण खाते में छूट की अवधि के दौरान ब्याज पर ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर की राशि डालेंगे।
इसी तरह मोराटोरियम का लाभ नहीं लेने वालों को भुगतान किए गए ब्याज पर नकद ब्याज दिया जाएगा। सभी वित्तीय संस्थान भुगतान के लिये केंद्र सरकार को दावा भेजेंगे।
इस योजना के क्रियान्वयन से सरकारी खजाने पर 6,500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।