सेना की कैंटीनों में नहीं बिकेंगे बाहर से आयात किये सामान, सरकार ने लगाई रोक
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार ने सेना की कैंटीनों के आयातित सामान खरीदने पर रोक लगा दी है। सरकार ने देशभर में मौजूद सेना के लगभग 3,000 स्टोरों को आयातित सामान खरीदना बंद करने को कहा है। इन सामानों की सूची में आयात की जाने वाली विदेशी शराब भी शामिल हो सकती है। घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभियान के तहत ये आदेश दिया गया है।
19 अक्टूबर को रक्षा मंत्रालय ने दिया था आंतरिक आदेश
रॉयटर्स ने ये बातें रक्षा मंत्रालय के एक आंतरिक आदेश के आधार पर कही हैं। 19 अक्टूबर को भेजे गए इस आदेश में मंत्रालय ने सैन्य स्टोरों से कहा था कि उन्हें भविष्य में आयातित सामानों की खरीद नहीं करनी है। इसमें लिखा है कि मुद्दे पर सेना, वायुसेना और नौसेना के साथ मई और जुलाई में चर्चा की जा चुकी है और इसका उद्देश्य घरेलू उत्पादों कोे बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री के अभियान का समर्थन करना है।
किन सामानों पर लगाई गई है रोक, आदेश में इसका जिक्र नहीं
रिपोर्ट के अनुसार, आदेश में ये नहीं बताया गया है कि किन-किन सामानों के आयात पर रोक लगाई जा रही है। हालांकि इंडस्ट्री सूत्रों का कहना है कि इस सूची में आयात की जाने वाली विदेशी शराब भी शामिल हो सकती है।
आदेश से विदेशी निवेशकों में नकारात्मक संदेश जाने की आशंका
अगर शराब भी प्रतिबंधित सामानों की सूची में शामिल है तो इससे डियाजियो और परनोड रिकार्ड जैसी विदेशी शराब की कंपनियों को एक नकारात्मक संदेश जाने की आशंका जताई जा रही है। सैन्य स्टोरों पर उत्पाद बेचने वाली एक कंपनी के अधिकारी ने इस पर कहा, "विदेशी शराब की बिक्री कम है, लेकिन विदेशी निवेश को आकर्षित करने की कोशिश कर रही एक सरकार ऐसा क्यों करेगी? यह एक भ्रामक और विरोधाभासी संकेत है।"
जून में भी रोक दिए गए थे आयातित शराब के ऑर्डर
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले जून में भी डियाजियो और परनोड रिकार्ड को सेना की कैंटीनों से उनकी आयातित शराब के ऑर्डर मिलना बंद हो गए थे। दोनों ही कंपनियों ने मौजूदा आदेश पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है।
चीन पर है सरकार का निशाना, सबसे ज्यादा उसी का सामान होता है आयात
सरकार के फंड से चलने वाले रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान (IDSA) के अनुसार, सेना की कैंटीनों की कुल खरीद में आयातित सामानों की लगभग 6-7 प्रतिशत हिस्सेदारी है। संस्थान के अनुसार, इनमें सबसे अधिक हिस्सेदारी डायपर, वैक्यूम क्लीनर, हैंडबैग और लैपटॉप जैसे चीनी सामानों की है। केंद्र सरकार सीमा पर तनाव के बीच चीनी सामानों पर लगातार पाबंदियां लगा रही है और उसके इस आदेश का असली लक्ष्य भी चीनी सामान हो सकते हैं।
दो अरब डॉलर की सालाना बिक्री करती हैं सेना की कैंटीनें
बता दें कि देशभर में मौजूद सेना की कैंटीनों के जरिए सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को तमाम तरह के सामान कम कीमत पर प्रदान किए जाते हैं। इनमें घरेलू उपयोग के सामान, इलेक्ट्रॉनिक सामान, बाइक, कार और शराब समेत अन्य कई चीजें शामिल हैं। इन कैंटीनों के जरिए सालाना लगभग दो अरब डॉलर की बिक्री होती है और ये भारत में सबसे बड़ी रिटेल चेन्स में से एक हैं।