हरियाणा: किसानों का 'सिर फोड़ने' का निर्देश देने वाले SDM के खिलाफ होगी कार्रवाई- दुष्यंत चौटाला
हरियाणा के करनाल में पुलिसकर्मियों को किसानों के 'सिर फोड़ने' का निर्देश देने वाले सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM) आयुष सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने आज ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ट्रेनिंग में अधिकारियों को संवेदनशीलता सिखाई जाती है और आयुष के खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि अधिकारी ने सफाई दी है कि वह दो दिन से सोए नहीं थे, लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि किसान 365 दिन से नहीं सोए हैं।
SDM आयुष ने क्या कहा था?
SDM आयुष सिन्हा ने किसानों के प्रदर्शन के दौरान पुलिस को बैरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास करन वाले किसानों के 'सिर फोड़ने' का आदेश दिया था। ऐसा कहते समय वे कैमरे में कैद हो गए थे और ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में उन्हें कुछ पुलिसकर्मियों से कहते हुए सुना जा सकता है कि किसानों को किसी भी तरह से बैरिकेडिंग को पार नहीं करने देना है और वे हर प्रदर्शनकारी का सिर फूटा देखना चाहते हैं।
पुलिस के लाठीचार्ज में लहूलुहान हो गए थे कई किसान
SDM के इस आदेश के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर जमकर लाठियां बरसाई थीं और इसमें लगभग 10 किसान घायल हो गए थे। कुछ किसानों के सिर तो सच में लाठियां पड़ने से फूट गए थे और वे खून से लथपथ हो गए थे। पुलिस की इस कार्रवाई के विरोध में किसानों ने हरियाणा में जगह-जगह पर जाम लगा दिया था और SDM आयुष के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
राकेश टिकैत ने SDM को बताया 'सरकारी तालिबानी'
किसानों पर इस कार्रवाई के विरोध में आज नूह में किसान महापंचायत भी आयोजित की गई जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा के तमाम बड़े नेताओं ने हिस्सा लिया। बैठक में किसान नेता राकेश टिकैत ने SDM आयुष को 'सरकारी तालिबानी' कहा जो किसानों के सिर फोड़ने का निर्देश दे रहे हैं। उन्होंने कहा, "तुम हमें खालिस्तानी कहते हो, हम तुम्हें तालिबानी कहेंगे। हमें भारत का पहला सरकारी तालिबानी दिख गया है। वो हरियाणा सरकार में एक अधिकारी है।"
संयुक्त मोर्चा ने 25 सितंबर को भारत बंद बुलाया
नूह में हुई महापंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा ने 25 सितंबर को किसान आंदोलन के 10 महीने पूरे होने के मौके पर भारत बंद का आह्वान भी किया। वहीं इससे पहले 5 सितंबर को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक किसान महापंचायत का आयोजन किया जाएगा और इससे 'मिशन उत्तर प्रदेश' की शुरूआत होगी। किसान नेता योगेंद्र यादव ने इस महापंचायत को किसानों की एक बड़ी परीक्षा बताया है और देशभर के किसानों से इसमें शामिल होने को कहा है।
क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं किसान?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए पिछले साल सितंबर में तीन कानून लाई थी। इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।