किसान आंदोलन: दिल्ली की सीमाओं पर किसानों की सुरक्षा करेगी हरियाणा की खाप पंचायतें
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा और उत्पात के बाद किसान आम नागरिकों के निशाने पर आ गए हैं। बॉर्डर क्षेत्र के लोग मार्च निकालकर किसानों पर आंदोलन खत्म करने का दबाव बना रहे हैं। इसको लेकर गत शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर पर किसानों और आम नागरिकों के बीच झड़प भी हुई थी। इसी बीच अब हरियाणा की खाप पंचायतों ने आंदोलन कर रहे किसानों की सुरक्षा का निर्णय किया है।
हिंसा के बाद किसानों के खिलाफ एकजुट हुए लोग
बता दें कि गणतंत्र दिवस पर निकाली गई ट्रैक्टर रैली में किसानों की ITO, लाल किला सहित मुकरबा चौक, गाजीपुर, सीमापुरी, नांगलोई, टिकरी बॉर्डर पर पुलिस के साथ जबरदस्त भिडंत हुई थी। इस घटना में करीब 394 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इसके बाद आम नागरिकों में किसानों के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा था। दिल्ली में तो स्थानीय लोगों ने पुलिस के समर्थन में मार्च निकालकर नारे लगाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की थी।
गजीपुर और सिंघु बॉर्डर पर भी लोगों ने निकाला मार्च
इसके बाद गत गुरुवार को दोपहर में गाजीपुर क्षेत्र में कुछ लोगों ने स्थानीय निवासी होने का दावा करते हुए किसानों के सामने मार्च निकाला था किसानों से बॉर्डर को खाली करने की मांग की थी। उन्होंने 'भारत माता की जय' और 'तिरंगे का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान' जैसे नारे लगाए थे। इसी तरह शुक्रवार को तथाकथित स्थानीय लोग तिरंगे और तख्तियां लेकर सिंघु बॉर्डर पहुंचे गए और किसानों को धरना स्थल खाली करने की धमकी दे दी।
किसानों ओर लोगों के बीच हुई झड़प
सिंधु बॉर्डर पर पहुंची स्थानीय लोगों ने जोश में आकर किसानों पर पथराव किया उनके कई सामानों को नुकसान पहुंचाया। उपद्रवियों ने किसानों के कई टेंट भी उखाड़ फेंके। इससे दोनों पक्षों में झपड़ हो गई। बाद में पुलिस ने लाठीचार्ज के साथ आंसू गैस के गोले दागकर स्थिति पर काबू पाया। इसी तरह रविवार को शाहजहांपुर बॉर्डर पर भी 43 गांवों के लोग किसानों के खिलाफ धरने पर बैठ गए और हाईवे खाली करने की मांग की है।
हरियाणा की खाप पंचायतों ने किया किसानों की रक्षा करने का निर्णय
मामले में अब हरियाणा खाप पंचायतों ने किसानों की रक्षा का निर्णय किया है। चरखी-दादरी से निर्दलीय विधायक और खाप प्रधान सोमवीर सांगवान ने बताया कि राज्य की खाप पंचायतों ने दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों की सुरक्षा करने तथा किसान आंदोलन का समर्थन करने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि किसानों की सुरक्षा के लिए खाप की दो टुकड़ी रविवार को सिंघु ऑर टिकरी बॉर्डर पहुंच चुकी है।
सांगवान ने दिसंबर में सरकार से वापस ले लिया था समर्थन
बता दें कि निर्दलीय विधायक सांगवान ने गत 1 दिसंबर को किसानों के समर्थन में हरियाणा की भाजपा-JJP सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था। इससे पहले उन्होंने राज्य के पशुधन विकास बोर्ड के अध्यक्ष के पद से भी इस्तीफा दे दिया था।
शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं किसान- सांगवान
सांगवान ने कहा किसान दिल्ली की सीमाओं पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में कोई भी उन पर हमला नहीं कर सकता है। खाप पंचायतें उनकी सुरक्षा के लिए तैनात है। उन्होंने आगे कहा कि हिंदुओं की रक्षा में सिख गुरुओं और सिख भाइयों ने सबसे बड़ी भूमिका निभाई है। कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब से उठी मांग अब हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश तक पहुंच गई। पंजाब के किसानों ने लोकतंत्र को बचाने बेहतरीन काम किया है।
किसानों की सुरक्षा के लिए इन गांवों से पहुंचे खाप के लोग
सांगवान ने कहा कि किसानों की सुरक्षा के लिए जाखड़, बिरहर, गहलावत और सांगवान सहित अन्य गांवों की खाप पंचायतों के लोग रविवार से दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचना शुरू हो गए हैं। अब किसी को भी किसानों के खिलाफ आक्रामक नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों की सुरक्षा के लिए 10,000 युवाओं को स्टैंडबाय में रखा गया है। ये युवा जरूरत पड़ने में कुछ ही समय में किसी भी स्थान पर पहुंच जाएंगे।