दिल्ली: टिकरी बॉर्डर सहित चार मेट्रो स्ट्रेशनों पर बंद रहेंगे प्रवेश और निकास दरवाजे
क्या है खबर?
कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने सोमवार से ग्रीन लाइन के चार स्ट्रेशनों पर प्रवेश और निकास द्वार बंद रखने का निर्णय किया है।
DMRC के अनुसार यात्रियों के लिए ग्रीन लाइन के ब्रिगेडियर होशियार सिंह, बहादुरगढ़ सिटी, पंडित श्रीराम शर्मा और टिकरी बॉर्डर स्ट्रेशन पर दरवाजे नहीं खुलेंगे।
आइए जानें पूरी खबर।
विवरण
यातायात पुलिस ने ISBT आनंद विहार के लिए जारी किया ट्रैफिक अलर्ट
DMRC ने सोमवार को एक ट्वीट में किया, 'ब्रिगेडियर होशियार सिंह, बहादुरगढ़ सिटी, पंडित श्रीराम शर्मा और टिकरी बॉर्डर पर मेट्रो के प्रवेश और निकास द्वार बंद रहेंगे।'
इसी तरह रविवार शाम को दिल्ली यातयात पुलिस ने भी ट्वीट कर ट्रैफिक अलर्ट जारी किया था।
ट्वीट में कहा गया था, 'किसान आंदोलन के कारण बॉर्डरों के बंद होने के कारण ISBT आनंद विहार से गाजीपुर तक सड़क मार्ग संख्या 56 पर यातायात प्रभावित रहेगा।'
विरोध
सितंबर में लागू तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं किसान
बता दें कि वर्तमान में किसानों ने दिल्ली की कई बॉर्डरों पर डेरा जमा रखा है। इनमें सिंघु, चिल्ला, टिकरी, गाजीपुर और हरियाणा-राजस्थान का शाहजहांपुर बॉर्डर शामिल हैं।
किसान केंद्र सरकार की ओर से सितंबर में लागू किए गए किसान व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 पर किसान सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 कानूनों का विरोध कर रहे हैं।
शुरुआत
किसानों ने 25 नवंबर से डाला था दिल्ली की सीमाओं पर डेरा
किसान शुरू से ही तीनों कानूनों का विरोध कर रहे थे, लेकिन नंवबर में विरोध तेज हो गया।
25 नवंबर को पंजाब किसानों ने दिल्ली मार्च निकाला था, लेकिन पुलिस ने उन्हें दिल्ली की सीमाओं पर ही रोक दिया था।
उसके बाद से ही किसान सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा जमाए बैठे हैं। किसानों को डर है कि APMC मंडियों के बाहर व्यापार की अनुमति देने से मंडिया कमजोर होगी और उन्हें MSP से वंचित कर दिया जाएगा।
ऑफर
सरकार ने दिया कानूनों को दो साल तक लागू नहीं करने का ऑफर
सरकार लगातार किसानों से वार्ता कर आंदोलन को खत्म कराने का प्रयास कर रही है।गत 22 जनवरी को हुई 11वें दौर की बैठक में सरकार ने किसानों को दो साल तक कानूनों को लागू नहीं करने का ऑफर दिया था।
इसके बाद भी किसान कानूनों को पूरी तरह से वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं।
इससे पहले सरकार ने भी आखिरी दौर की बैठक में प्रस्ताव के मंजूर होने पर ही अगली बैठक होने की बात कही थी।
हिंसा
गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा
सरकार के प्रस्ताव के बाद किसानों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकाली थी, लेकिन इसमें जमकर हिंसा और उत्पात मचाया गया है।
रैली की मंजूरी के लिए लागू की गई शर्तों से सहमत होने के बाद भी प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़ दिए और रैली को समय से पहले शुरू कर दिया।
पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर नियंत्रण पाने के लिए लाठीचार्ज और आंसूगैस का सहारा लेना पड़ा। कुछ प्रदर्शनकारियों ने लाल किले पर चढ़कर केसरियां झंडा फहरा दिया।