हरियाणा: करनाल में पुलिस के लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने जाम किए कई हाईवे
हरियाणा के करनाल में शनिवार को मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर सहित अन्य भाजपा नेताओं को रोकने की कोशिश कर रहे किसानों पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज से किसानों का गुस्सा फूट पड़ा है। इस घटना के बाद करुक्षेत्र सहित अन्य जगहों के किसान सड़कों पर उतर आए। गुस्साए किसानों ने दिल्ली-अमृतसर राजमार्ग सहित कुरुक्षेत्र में कई सड़कों पर जाम लगा दिया। इसी तरह शंभू टोल प्लाजा पर भी जाम की स्थिति पैदा हो गई है।
किसानों ने बसताड़ा टोल प्लाजा पर लगाया था जाम
बता दें कि निकाय एवं पंचायत चुनाव की तैयारियों को लेकर शनिवार को करनाल में भाजपा की प्रदेश स्तरीय बैठक आयोजित की गई थी। इसमें मुख्यमंत्री खट्ट सहित छह सांसद, 12 विधायक सहित अन्य नेता और संगठन के पदाधिकारी पहुंचे थे। किसानों ने इस बैठक के विरोध का ऐलान किया था। इसके बाद करनाल में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। ऐसे में किसान किसान रेलवे रोड नहीं पहुंच पाए तो उन्होंने बसताड़ा टोल प्लाजा पर जाम लगा दिया।
किसानों ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष धनकड़ के काफिले पर किया हमला
NDTV के अनुसार, किसानों ने बसताड़ा टोल प्लाजा पर दो-दो क्रॉसिंग छोड़कर बाकी को बंद कर दिया था। उसी दौरान बैठक में शामिल होने के लिए वहां पहुंचे भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ का किसानों ने जोरदार विरोध किया। किसानों ने नारेबाजी करते हुए उन्हें काले झंडे दिखाए और उनके काफिले में शामिल वाहनों पर लाठियों से हमला कर दिया। हालांकि, प्रदेशाध्यक्ष वहां से निकल गए। इसके बाद किसानों ने बैठक में पहुंचने का प्रयास किया।
पुलिस ने किसानों पर किया लाठीचार्ज
पुलिस ने टोल पर जाम लगाए बैठे किसानों को समझाकर जाम खुलवाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने। इस दौरान उन्होंने पुलिस की बेरिकेडिंग को तोड़ने का प्रयास किया। इस पर पुलिस को मजबूरन लाठीचार्ज करना पड़ा। पुलिस ने जाम लगाए बैठे किसानों पर जमकर लाठियां भांजी और टोल को खुलवा दिया। पुलिस की इस कार्रवाई में कई किसानों के सिर फूटे और खून बहा। वहीं, अधिकतर किसान बचने के लिए खेतों में भाग गए।
पुलिस के लाठीचार्ज के बाद करुक्षेत्र में सड़कों पर उतरे किसान
बसताड़ा टोल प्लाजा पर पुलिस के लाठीचार्ज से गुस्साए किसान करुक्षेत्र में सड़कों पर उतर आए। किसानों ने दिल्ली-अमृतसर राजमार्ग सहित जिले की अन्य सड़कों पर जाम लगा दिया। इससे अंबाला की ओर जाने वाले शंभू टोल प्लाजा पर जाम की स्थिति पैदा हो गई है। लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों ने सड़क पर चारपाई लगा दी और बिस्तर बिछा दिए। इससे कई किलोमीटर तक वाहनों की कतारें लग गई हैं।
किसानों ने इस हाईवे और राजमार्गों पर लगाया जाम
किसानों ने हिसार-दिल्ली हाईवे पर रामायण टोल, करनाल में जींद चौक, बसताड़ा टोल, निसिंग और जलमाना गांव में जाम लगा दिया गया है। इसके अलावा रोहतक में मकड़ौली टोल, नरवाना में बदोवाल टोल, कैथल में NH-152 पर तितरम मोड़, भागल गांव, पटियाला मार्ग पर हांसी-बुटाना, फतेहाबाद के ढाणी गोपाल चौक, जींद-करनाल हाईवे, अलेवा, भिवानी में कितलाना टोल और सिरसा में भी किसानों ने विभिन्न सड़क मार्गों पर जाम लगा दिया है।
मार्ग परिवर्तित करने में जुटी है पुलिस
किसानों के हाईवे पर जाम करने के बाद पुलिस मार्ग परिवर्तित करने में जुट गई है। वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से निकालने का प्रयास किया जा रहा है। जाम में फंसे लोग किसानों से हाथ जोड़कर उन्हें आगे जाने देने की अपील कर रहे हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा ने किया लाठीचार्ज का विरोध
इधर, संयुक्त किसान मोर्चा ने करनाल में पुलिस के लाठीचार्ज पर कड़ा विरोध जताया और राज्यभर के किसानों से एकजुट होकर विरोध करने का आह्वान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता दर्शन पाल ने एक फेसबुक पोस्ट में किसानों से शाम पांच बजे सड़क जाम करने की अपील की और पुलिस ने घटना में गिरफ्तार किए गए किसानों को तत्काल रिहा करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने किसानों पर बर्बरतापूर्वक कार्रवाई की है।
क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं किसान?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए पिछले साल सितंबर में तीन कानून लाई थी। इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।