NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    आम आदमी पार्टी समाचार
    शिवसेना समाचार
    राहुल गांधी
    अमित शाह
    भाजपा समाचार
    इसुदान गढ़वी
    तेजस्वी सूर्या
    NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout


    देश राजनीति दुनिया बिज़नेस खेलकूद मनोरंजन टेक्नोलॉजी करियर अजब-गजब लाइफस्टाइल ऑटो एक्सक्लूसिव विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
     
    होम / खबरें / राजनीति की खबरें / AAP के सरकारी विज्ञापनों के नाम पर "राजनीतिक प्रचार" करने का मामला क्या है?
    राजनीति

    AAP के सरकारी विज्ञापनों के नाम पर "राजनीतिक प्रचार" करने का मामला क्या है?

    AAP के सरकारी विज्ञापनों के नाम पर "राजनीतिक प्रचार" करने का मामला क्या है?
    लेखन मुकुल तोमर
    Jan 12, 2023, 04:21 pm 1 मिनट में पढ़ें
    AAP के सरकारी विज्ञापनों के नाम पर "राजनीतिक प्रचार" करने का मामला क्या है?
    अरविंद केजरीवाल की AAP को उपराज्यपाल वीके सक्सेना के निर्देश पर रिकवरी नोटिस भेजा गया

    सरकारी विज्ञापनों के नाम पर राजनीतिक प्रचार करने के मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) की मुसीबत बढ़ गई है और दिल्ली सरकार के सूचना और प्रचार निदेशालय (DIP) ने उसे लगभग 164 करोड़ रुपये का रिकवरी नोटिस जारी किया है। पार्टी को 10 दिन के अंदर ये रकम वापस करने को कहा गया है और ऐसा न करने पर उसकी संपत्ति जब्त की जा सकती है। आइए आपको बताते हैं कि ये पूरा मामला क्या है।

    सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश से जुड़ी है मामले की जड़

    इस पूरे विवाद की जड़ मई, 2015 के सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से जुड़ी है। अपने इस फैसले में कोर्ट ने सरकारी विज्ञापनों के लिए कुछ गाइलाइंस जारी की थीं और उनकी सामग्री को रेगुलेट करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को समिति गठित करने का निर्देश दिया था। उसके निर्देश का पालन करते हुए केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने अप्रैल, 2016 में तीन सदस्यीय सरकारी विज्ञापन सामग्री नियमन समिति (CCRGA) गठित की थी।

    CCRGA और मौजूदा विवाद का क्या संबंध है?

    CCRGA के गठन के कुछ महीने बाद कांग्रेस नेता अजय माकन ने उसके पास दिल्ली की AAP सरकार के खिलाफ एक शिकायत दाखिल की और उस पर सरकारी विज्ञापनों से संबंधित सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। शिकायत मिलने के बाद CCRGA ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किए। दिल्ली हाई कोर्ट से निर्देश मिलने के बाद CCRGA ने मामले की जांच भी शुरू कर दी और 16 सितंबर, 2016 को एक अहम आदेश जारी किया।

    CCRGA ने अपने आदेश में क्या कहा?

    CCRGA ने अपने आदेश में कहा कि उसकी जांच में पाया गया है कि दिल्ली की AAP सरकार ने सरकारी विज्ञापनों से संबंधित सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के कई प्रावधानों का उल्लंघन किया है। उसने कहा कि जांच में दिल्ली सरकार को झूठे और भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने, सत्तारूढ़ पार्टी का नाम लिखने, खुद का महिमामंडन करने और राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने आदि से संबंधित प्रावधानों का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया है।

    कैसे पता चली विज्ञापनों पर खर्च हुई रकम?

    CCRGA ने अपने आदेश में दिल्ली सरकार के DIP को गाइडलाइंस का उल्लंघन करने वाले विज्ञापनों की पहचान करने, उन पर खर्च हुई रकम का अनुमान लगाने और इसे AAP से वसूलने का निर्देश दिया। अपने स्तर पर आंकलन के बाद DIP ने इन विज्ञापनों पर कुल 97.14 करोड़ रुपये खर्च होने की बात कही। इनमें से लगभग 42.27 करोड़ रुपये पहले ही खर्च किए जा चुके थे, वहीं 54.87 करोड़ रुपये बकाया थे।

    खर्च के आंकलन के बाद DIP ने क्या कार्रवाई की?

    विवादित विज्ञापनों पर खर्च हुई रकम का अनुमान लगाने के बाद DIP ने 30 मार्च, 2017 को AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल को पहला रिकवरी नोटिस जारी किया। इस नोटिस में केजरीवाल को 42.27 करोड़ रुपये सरकारी खजाने में जमा करने और 54.87 करोड़ रुपये का बकाया सीधा प्रकाशकों को देने का निर्देश दिया गया। AAP ने अब तक इस आदेश का पालन नहीं किया है। यही नहीं, 54.87 करोड़ रुपये के बकाये का भी DIP ने खुद भुगतान कर दिया।

    अब अचानक से सुर्खियों में कैसे आया मामला?

    इस मामले के अभी सुर्खियों में आने का कारण दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना का दिसंबर, 2022 का एक आदेश है। अपने इस आदेश में उन्होंने AAP से 15 दिन के अंदर 97.14 करोड़ रुपये सरकारी खजाने में जमा करने को कहा था। हालांकि, AAP ने इस आदेश का पालन नहीं किया, जिसके बाद अब DIP ने उसे अंतिम रिकवरी नोटिस भेजा है। 97.14 करोड़ रुपये और इसकी ब्याज लगाकर कुल 164 करोड़ रुपये की रिकवरी की जानी है।

    AAP का आरोपों पर क्या कहना है?

    AAP कहती आई है कि जनता को सरकार की विभिन्न योजनाओं और अभियानों की जानकारी होनी चाहिए और इसके लिए विज्ञापन जरूरी हैं। पार्टी ने मामले में उपराज्यपाल पर भी सवाल उठाए हैं और उसका कहना है कि उपराज्यपाल को इस तरह का आदेश देने का कोई अधिकार नहीं है। AAP का कहना है कि जब भाजपा के मुख्यमंत्रियों से ऐसे ही मामलों में 22,000 करोड़ रुपये वसूल लिए जाएंगे, तब वह भी भुगतान कर देगी।

    न्यूजबाइट्स प्लस

    सूचना के अधिकार (RTI) के तहत दाखिल किए गए एक आवेदन के जवाब में मिले आंकड़ों के अनुसार, विज्ञापनों पर दिल्ली सरकार का खर्च पिछले 10 सालों में 4,273 प्रतिशत बढ़ गया है। राज्य में 2015 से AAP की स्थायी सरकार है। उसके अब तक के कार्यकाल में विज्ञापनों पर खर्च में चार बार वृद्धि हुई है। कोरोना वायरस महामारी के दौरान AAP सरकार ने 2019-20 में 199.99 करोड़ और 2020-21 में 293.20 करोड़ रुपये विज्ञापनों पर खर्च किए थे।

    इस खबर को शेयर करें
    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    ताज़ा खबरें
    आम आदमी पार्टी समाचार
    अरविंद केजरीवाल
    दिल्ली सरकार
    विनय कुमार सक्सेना

    ताज़ा खबरें

    स्टैन की टीम ने अब्दु रोजिक के साथ की बदसलूकी, तोड़ी कार; कार्यक्रम से किया बाहर अब्दु रोजिक
    ChatGPT में मौजूद बग से यूजर्स देख पाते थे दूसरों की चैट हिस्ट्री, अब हुआ फिक्स   ChatGPT
    कांग्रेस ने CBI को लिखा पत्र, कहा- राष्ट्रहित में अमित शाह से करें पूछताछ करें  मेघालय
    दुबई-मुंबई इंडिगो फ्लाइट में विमान कर्मचारियों को शराब पीकर गाली देने पर 2 यात्री गिरफ्तार इंडिगो

    आम आदमी पार्टी समाचार

    दिल्ली हाई कोर्ट ने पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर सुरक्षित रखा फैसला दिल्ली हाई कोर्ट
    दिल्ली: वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने पेश किया 78,800 करोड़ रुपये का बजट, जानें बड़ी बातें दिल्ली
    दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ पोस्टर लगाने पर बड़ी कार्रवाई; 44 FIR दर्ज, 2,000 पोस्टर जब्त नरेंद्र मोदी
    दिल्ली विधानसभा में बजट पेश नहीं होने पर हंगामा, AAP और भाजपा का एक-दूसरे पर निशाना दिल्ली सरकार

    अरविंद केजरीवाल

    गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के बजट पर लगाई रोक, जानिए इसके पीछे की वजह दिल्ली सरकार
    दिल्ली: जेल में बंद मनीष सिसोदिया का सरकारी बंगला आतिशी को आवंटित दिल्ली
    मनीष सिसोदिया के खिलाफ जासूसी मामले में CBI ने दर्ज की FIR मनीष सिसोदिया
    मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के इस्तीफे हुए स्वीकार, सौरभ भारद्वाज और आतिशी लेंगे जगह मनीष सिसोदिया

    दिल्ली सरकार

    दिल्ली: AAP ने किया था लाखों नौकरियों का वादा, सरकार को ही नहीं पता कितनों को मिली दिल्ली
    दिल्ली सरकार बनाएगी 3 डबल डेकर फ्लाईओवर, क्या हैं ये और किन जगहों पर बनाए जाएंगे? बजट
    दिल्ली शराब नीति घोटाला: CBI और ED की नजर में कौन-कौन हैं मामले के आरोपी? दिल्ली
    दिल्ली में 6 महीने के लिए बढ़ाई गई पुरानी शराब नीति, 5 दिन रहेगा ड्राई डे  शराब नीति

    विनय कुमार सक्सेना

    दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब 22 फरवरी को होगा मेयर का चुनाव दिल्ली
    दिल्ली: तीन बार टलने के बाद अब 16 फरवरी को होगा मेयर का चुनाव दिल्ली सरकार
    दिल्ली: LG ने सरकार के प्रतिनिधियों को बिजली कंपनियों के बोर्ड से हटाया, तनाव के आसार दिल्ली
    दिल्ली: 6 फरवरी को होगा मेयर का चुनाव, उपराज्यपाल ने दी सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दिल्ली नगर निगम

    राजनीति की खबरें पसंद हैं?

    नवीनतम खबरों से अपडेटेड रहें।

    Politics Thumbnail
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स क्रिप्टोकरेंसी भाजपा समाचार कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive कोरोना वायरस वैक्सीन ट्रैवल टिप्स यूक्रेन युद्ध मंकीपॉक्स द्रौपदी मुर्मू
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2023