मौजूदा रफ्तार से 197 सालों में साफ होगा दिल्ली में जमा कचरा- रिपोर्ट
क्या है खबर?
दिल्ली में बने कूड़े के पहाड़ शहर की सुंदरता को तो खराब कर रहे हैं, साथ ही आसपास रह रहे लोगों के लिए कई तरह की समस्याओं की जड़ बने हुए हैं।
राष्ट्रीय राजधानी में भलस्वा, गाजीपुर और ओखला में कूड़ा इकट्ठा किया जाता है और फिलहाल तीनों जगहों पर 2.76 करोड़ टन कूड़ा जमा है।
जिस रफ्तार से इस कूड़े का निपटान किया जा रहा है, उस रफ्तार से इसे पूरी तरह साफ करने में 197 साल लगेंगे।
समयसीमा
अगले 16 महीनों में कूड़ा साफ करने की समयसीमा निर्धारित
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, करीब 34 महीने पहले तीनों जगहों पर 2.80 करोड़ टन कूड़ा जमा था। तब इस कूड़े को पूरी तरह साफ करने के लिए 250 करोड़ रुपये की परियोजना शुरू की गई थी। इसके बाद कूड़े में मामूली कमी आई है, लेकिन परेशानी कम नहीं हो रही है।
अब दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने नगर निगम को अगले 16 महीनों में इस कूड़े को साफ करने के निर्देश जारी किए हैं।
समय
कचरा साफ करने में कितना समय लगेगा?
पिछले 34 महीनों से रोजाना औसतन 5,315 टन कूड़े का निपटान किया जा रहा है। इसी दौरान रोजाना औसतन 4,931 टन नया कड़ा जमा होता गया। अगर कूड़े के निपटान की रफ्तार यही रहती है तो पूरा कूड़ा साफ करने में 197 सालों का समय लगेगा।
अगर नए कूड़े को हटा भी दें तो तीनों जगहों पर जमा पुराने कूड़े को ही पूरी तरह साफ करने में 14 साल का समय लग जाएगा।
लागत
कई गुना बढी प्रोजेक्ट की लागत
इस सब के बीच कूड़े को साफ करने के प्रोजेक्ट की लागत कई गुना बढ़ गई है। इस प्रोजेक्ट के लिए दिल्ली नगर निगम ने आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को करीब 1,864 करोड़ रुपये की लागत का एस्टीमेट भेजा है।
कूड़े की सफाई के लिए नगर निगम ने अपनी क्षमताओं में विस्तार की योजना बनाई है और इसके लिए नए प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना पर काम चल रहा है।
आदेश
NGT ने जुलाई, 2019 में दिया था आदेश
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने जुलाई, 2019 में एक साल के भीतर दिल्ली की तीनों जगहों से पुराना कचरा हटाने का आदेश दिया था। हालांकि, उसके बाद कई बार समयसीमा को आगे बढ़ाया जा चुका है।
22 दिसंबर, 2022 को दिल्ली के तीनों निगमों ने मुख्य सचिव के नेतृत्व वाली मॉनिटरिंग समिति को बताया कि मार्च, 2021 तक पुराना कचरा हटा लिया जाएगा और जून, 2022 तक भलस्वा में कूड़े के पहाड़ को समतल कर दिया जाएगा।
जानकारी
बेहद धीमी है कचरे के निपटान की मौजूदा रफ्तार
उस वक्त निगमों ने ओखला के पहाड़ को मार्च, 2023 और गाजीपुर के पहाड़ को दिसंबर, 2023 तक समतल करने की बात कही थी, लेकिन यह समयसीमा फिर बढ़वा ली गई।
इस साल मार्च में MCD ने केंद्र को बताया कि भलस्वा और ओखला में बने कूड़े के पहाड़ों को क्रमश: जुलाई और अक्टूबर, 2023 तक और गाजीपुर के पहाड़ को दिसंबर, 2024 तक समतल किया जाएगा।
मौजूदा रफ्तार को देखते हुए इन समयसीमाओं तक काम होता नहीं दिख रहा।
कचरे का निपटान
फिलहाल क्या स्थिति है?
अगस्त की स्टेटस रिपोर्ट पर नजर डालें तो पता चलता है कि गाजीपुर साइट से 7.8 प्रतिशत पुराना कचरा, ओखला से 30 प्रतिशत और भलस्वा से 31.8 प्रतिशत पुराना कचरा साफ किया गया है।
कुल मिलाकर 55 लाख टन कचरा साफ हुआ है, जबकि इस दौरान गाजीपुर में 13 लाख टन, ओखला में 16 लाख टन और भलस्वा में 22 लाख टन नया कचरा जमा हो चुका है।
इस हिसाब से MCD को अपनी रफ्तार तेज करने की जरूरत है।