दिल्ली: सरकार अस्थिर करने के आरोपों के बीच आज बहुमत साबित करेंगे केजरीवाल
क्या है खबर?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज विधानसभा में बहुमत साबित करेंगे। यह बहुमत परीक्षण ऐसे समय हो रहा है, जब दिल्ली में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार गिराने की कोशिश कर रही है।
सुबह 11 बजे विधानसभा की कार्यवाही शुरू होगी और इसके तुरंत बाद केजरीवाल सदन में प्रस्ताव पेश रखेंगे। इसके जरिये केजरीवाल यह साबित करना चाहते हैं कि पार्टी में कोई फूट नहीं है और सभी विधायक उनके साथ हैं।
आरोप
भाजपा पर लगाया सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप
केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा था कि बहुमत परीक्षण के जरिये वो लोगों को बताना चाहते हैं कि दिल्ली में भाजपा का 'ऑपरेशन लोटस' असफल हो गया है।
उन्होंने भाजपा पर सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत पार्टी के 12 विधायकों से संपर्क कर चुकी है। उन्हें सरकार गिराने में मदद करने पर 20-20 करोड़ रुपये का लालच दिया जा रहा है।
हमला
ऑपरेशन लोटस ऑपरेशन कीचड़ बन गया है- केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से खबरें हैं कि इन्होंने इतने विधायक तोड़ लिए, उन्होंने इतने विधायक तोड़ लिए। वो बहुमत परीक्षण के जरिये लोगों को दिखाना चाहते हैं कि उन्होंने जिन लोगों को चुना है, वो हीरे हैं। ये मर जाएंगे, कट जाएंगे, लेकिन टूटेंगे नहीं। एक भी विधायक नहीं टूटा
उन्होंने आगे कहा कि बहुमत परीक्षण से यह साबित हो जाएगा कि भाजपा का ऑपरेशन लोटस दिल्ली में ऑपरेशन कीचड़ बन गया है।
जानकारी
गुरुवार को बैठक में पहुंचे थे 53 विधायक
गुरुवार को केजरीवाल ने अपने आवास पर विधायकों की बैठक बुलाई थी। इसमें आम आदमी पार्टी के 62 में से 53 विधायक ही पहुंचे थे।
बताया गया कि सिसोदिया समेत आठ विधायक दिल्ली से बाहर होने के कारण बैठक में नहीं पहुंच पाए, जबकि स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन जेल में बंद है।
ऐसी भी खबरें थी कि कुछ विधायकों से पार्टी का संपर्क नहीं हुआ है, लेकिन उनकी टूट के कयासों का खंडन किया गया था।
दिल्ली
केजरीवाल के इस दांव का क्या मतलब?
70 सदस्यों वाली दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी के 62 विधायक हैं। इस लिहाज से केजरीवाल सरकार पर कोई संकट नजर नहीं आ रहा। आज सदन में इनमें से करीब 60 विधायक मौजूद रह सकते हैं।
हालांकि, जानकार मानते हैं इसके जरिये केजरीवाल अपनी सरकार की मजबूती दिखाना चाहते हैं। साथ ही इससे यह साबित हो जाएगा कि सिसोदिया पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद भी विधायक केजरीवाल के नेतृत्व को लेकर आश्ववस्त हैं।