मल्लिकार्जुन खड़गे के "कुत्ता" वाले बयान पर संसद में हंगामा, भाजपा ने की माफी की मांग
स्वतंत्रता आंदोलन में "भाजपा का कुत्ता भी नहीं मरने" संबंधी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर आज राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। भाजपा सांसदों ने खड़गे से बयान पर माफी मांगने को कहा, वहीं खड़गे ने कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं और आजादी के आंदोलन के दौरान माफी मांगने वाले लोग आजादी के लिए लड़ने वालों से माफी की मांग कर रहे हैं। भाजपा ने इसके बदले में उन्हें कश्मीर और अन्य समस्याएं याद दिलाईं।
खड़गे ने क्या कहा था?
रविवार को राजस्थान के अलवर में एक रैली को संबोधित करते हुए खड़गे ने कहा था, "हमने देश को आजादी दिलाई और देश की एकता के लिए श्रीमती इंदिरा गांधी जी और राजीव गांधी जी ने अपनी जान दी। यह सब हमने किया। हमने अपनी जान दी... तुम (भाजपा) क्या किए? आपके घर में देश के लिए कुत्ता भी मरा है? किसी ने कुर्बानी दी है? लेकिन फिर भी वो देशभक्त और हम देशद्रोही। "
भाजपा सांसदों की मांग- माफी मांगे खड़गे
खड़गे की इस टिप्पणी के मुद्दे को राज्यसभा में उठाते हुए भाजपा सांसदों ने जमकर हंगामा किया और खड़गे से माफी मांगने की मांग की। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, "अलवर में आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे को माफी मांगनी चाहिए। हम उनके बयान की आलोचना करते हैं। उन्होंने आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया और झूठ फैलाने की कोशिश की। उन्होंने अपनी सोच और ईर्ष्या का दर्शन दिया।"
खड़गे ने माफी मांगने से किया इनकार, फिर दोहराया बयान
भाजपा की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्यसभा के नेता विपक्ष खड़गे ने कहा, "जो बातें मैंने कहीं, वो सदन के बाहर राजनीतिक रूप से कही गईं। यहां पर चर्चा करने की आवश्यकता नहीं है। दूसरी चीज, मैं अभी भी कह सकता हूं कि आजादी के वक्त स्वतंत्रता आंदोलन में उन लोगों की कोई भूमिका नहीं थी। ये माफी मांगने वाले लोग आजादी के लिए लड़ने वाले लोगों से माफी की मांग कर रहे हैं।"
सभापति ने जताई हंगामे पर आपत्ति, बोले- देश की जनता हम पर हंस रही
खड़गे के ऐसा बोलने पर भाजपा सांसद जबरदस्त हंगामा करने लगे जिस पर राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, "माननीय सदस्यों, हम एक बेहद खराब उदाहरण पेश कर रहे हैं... इस तरह का व्यवहार हमारा नाम काफी खराब करता है... मेरा भरोसा कीजिए, 135 करोड़ जनता हम पर हंस रही है। 135 करोड़ जनता आज के दिन चिंतन कर रही है कि क्या हमारा ये स्तर हो गया है कि हम एक-दूसरे की बात नहीं सुन सकते।"
हम बच्चे नहीं हैं, मैं केवल संविधान के हिसाब से चलूंगा- धनखड़
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने आगे कहा, "हो सकता है कि आवेश में बाहर कुछ बात कह दी गई हो, हो सकता है बात का आधार हो, निराधार हो, हो सकता है बात के ऊपर दो मत हों, लेकिन उसका मतलब ये नहीं है कि हंगामा करें। ये जैसे को तैसा है क्या? हम बच्चे नहीं हैं... अपना संवैधानिक कर्तव्य निभाते वक्त मैं न इस तरफ (सरकार) देखूंगा और न इस तरफ (विपक्ष) देखूंगा। मैं केवल संविधान को देखूंगा।"