लोकपाल मुद्दे पर सत्ता में आई AAP के विधायकों का संपत्ति की जानकारी देने से इनकार
क्या है खबर?
राजनीति में पारदर्शिता का जोर-शोर से समर्थन करने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) के खुद के ही 50 विधायकों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा देने से इनकार कर दिया है।
दिल्ली में AAP के विधायकों ने लोकायुक्त को अपनी संपत्ति की जानकारी देने से मना कर दिया है।
लोकायुक्त लोकपाल का राजकीय स्वरूप है।
इससे बड़ी विडंबना क्या होगी कि लोकपाल आंदोलन से उपजी यह पार्टी आज खुद ही इसे महत्व नहीं दे रही।
लोकायुक्त की मांग
लोकायुक्त ने मांगा था संपत्ति का ब्यौरा
दरअसल, लोकायुक्त ने विवेग गर्ग की याचिका पर दिल्ली के सभी विधायकों से उनकी संपत्ति का ब्यौरा देने को कहा था।
आदेश के बाद भारतीय जनता पार्टी के 2 समेत बाकी 3 विधायकों ने तो अपनी संपत्ति की जानकारी लोकायुक्त के सामने जमा कर दी, लेकिन AAP के 66 में से 50 विधायकों ने अपनी संपत्ति का हिसाब देने से मना कर दिया।
मामले में AAP और भाजपा के विधायक लोकायुक्त दफ्तर में ही आमने-सामने आ गए।
AAP विधायकों का जबाव
'संपत्ति की घोषणा करने के लिए बाध्य नहीं'
AAP विधायकों ने मसले पर लोकायुक्त में अपना जबाव दाखिल करते हुए कहा है कि वर्तमान में संपत्ति का ब्यौरा देने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है और वह ऐसा करने के लिए बाध्य नहीं हैं।
विधायकों का कहना है कि वह आयकर भरते हैं और जिसको जो भी जानकारी चाहिए आयकर दफ्तर से ले सकता है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत उनके 4 मंत्रियों ने अभी तक लोकायुक्त को कोई जबाव नहीं दिया है।
समय सीमा
विधायकों के पास 27 फरवरी तक का समय
विधायकों को संपत्ति की घोषणा करने के लिए 27 फरवरी तक का समय दिया गया है।
माना जा रहा है कि केजरीवाल और बाकी मंत्री तब तक लोकायुक्त को अपनी जानकारी दे देंगे। AAP के कुछ विधायक पहले ही अपनी संपत्ति की घोषणा कर चुके हैं।
विपक्षी पार्टी भाजपा ने मुद्दे पर AAP को घेरना शुरु कर दिया है। मसले पर लोकसभा चुनाव से पहले राजधानी की राजनीति का तापमान बढ़ सकता है।
आम आदमी पार्टी
राजनीतिक पारदर्शिता की बड़ी समर्थक है AAP
2011 के भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल आंदोलन से उपजी AAP राजनीति में पारदर्शिता की बड़ी पैरोकार रही है।
वह सभी दलों को सूचना के अधिकार (RTI) कानून के अंतर्गत आने की चुनौती देती रही है, ताकि उनको मिलने वाले अज्ञात चंदे की जानकारी सार्वजनिक हो सके।
अभी उसे छोड़ बाकी कोई भी पार्टी 20,000 रुपए से नीचे के चंदे का हिसाब नहीं देती। इसलिए भी पारदर्शिता की समर्थक AAP के खुद के विधायकों का संपत्ति की जानकारी न देना चौंकाता है।