पीएम मोदी ने वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया, दिल्ली को प्रदूषण से मिलेगी राहत
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को गुरुग्राम के सुल्तानपुर में छह लेन वाले 'वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे' का उद्घाटन किया।
कुंडली-मानेसर-पलवल (KMP) एक्सप्रेस-वे के नाम से मशहूर 'वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे' से राजधानी दिल्ली में यातायात का दवाब कम होगा।
करीब छह महीने पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 'ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे' का उद्घाटन किया था। अब ये दोनों एक्सप्रेस-वे आपस में जुड़ जाएँगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन के बाद एक जनसभा को भी संबोधित किया।
फायदा
दिल्ली को दवाब मुक्त करेगा यह एक्सप्रेस-वे- पीएम मोदी
उद्घाटन के बाद लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि इससे राजधानी दिल्ली को बाहर से आने वाली गाड़ियों का दवाब नहीं झेलना पड़ेगा।
यह राजधानी दिल्ली के बाहर-बाहर बना रिंग रोड है। 135 किलोमीटर लंबा यह रोड ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे से जुड़ेगा।
ईस्टर्न और वेस्टर्न एक्सप्रेस-वे के जुड़ने के बाद इसकी कुल लंबाई 270 किलोमीटर हो जाएगी।
राजधानी दिल्ली के चारों ओर बने इस रिंग रोड से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर भी कमेगा।
ट्विटर पोस्ट
रिमोट दबा कर एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करते पीएम मोदी, साथ में हरियाणा सीएम खट्टर
Gurugram: PM Modi inaugurates different projects including Western Peripheral Expressway #Haryana pic.twitter.com/3E0wnFgM3U
— ANI (@ANI) November 19, 2018
खास क्या
चार राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़ा है यह एक्सप्रेस-वे
सुप्रीम कोर्ट ने इसे बनाने का निर्देश साल 2005 में दिया था। लेकिन बीच में आई रुकावटों के कारण यह अब तैयार हो सका है।
राष्ट्रीय राजमार्ग कुंडली के पास एनएच-1, पलवल से शुरू होकर डासना के पास एनएच-2, मानेसर से गुड़गांव में एनएच-8 और बहादुरगढ़ के पास एनएच-10 से जुड़ता है।
केएमपी के शुरू होने से पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, यूपी और राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों के वाहन बिना दिल्ली में घुसे अन्य राज्यों में जा सकेंगे।
सुविधाएं
यात्रियों की सुविधाओं का रखा गया है खास ख्याल
इस एक्सप्रेस-वे पर आठ छोटे पुल, छह बड़े पुल, चार रेलवे ओवरब्रिज और 34 अंडर पास बनाये गए हैं।
एक्सप्रेस-वे की खूबसूरती के लिए संस्कृति मंत्रालय द्वारा बनाए गए 21 नक्काशीदार प्रतिमाओं को लगाया जाना है।
यात्रियों की सुविधाओं के लिए जगह-जगह पुलिस चौकी, ट्रामा सेंटर, कैंटीन, पार्किग और पेट्रोल पंप बनाए गए है।
दोनों ओर पेड़ और जालियां लगाई गई हैं, ताकि हरियाली बनी रहे और सड़क पर जानवरों का प्रवेश नहीं हो सके।
पर्यावरण
समय की बचत के साथ-साथ बढ़ते प्रदूषण से भी राहत
एक अनुमान के अनुसार इस एक्सप्रेस-वे से 50,000 भारी वाहन बिना राजधानी दिल्ली में प्रवेश किए दूसरे राज्यों तक पहुंचेंगे।
इससे यात्रा के दौरान लगने वाले समय में भी कटौती होगी। देश के उत्तरी राज्यों से पश्चिमी और दक्षिणी राज्यों में जाने वाले वाहन आसानी से अपने गंतव्य तक पहुंचेंगे।
एक्सप्रेस-वे से दिल्ली का प्रदूषण स्तर भी कम होगा। बता दें दिल्ली की हवा को प्रदूषित करने में वाहनों से निकले धुएं का भी अहम रोल होता है।
जानकारी
सफर आसान तो होगा पर करनी होगी जेब ढीली
इस एक्सप्रेस-वे पर सात टोल प्लाजा बनाए गए है। जिसका किराया राष्ट्रीय राजमार्गों की तुलना में 25 प्रतिशत ज्यादा है। ऐसे में एक्सप्रेस-वे का मजा लेते हुए एक राज्य से दूसरे राज्य तक जाने के लिए वाहन चालकों को अपनी जेब ढीली करनी होगी।