केजरीवाल की मौजूदगी में बोले AAP विधायक, कांग्रेस के प्रधानमंत्री को भी दे देंगे समर्थन
क्या है खबर?
लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) की ओर से ऐसा बयान आया है जो एक बार फिर से साबित करता है कि राजनीति में कोई भी 'अछूत' या स्थाई दुश्मन नहीं होता।
किसी को भी समर्थन देने को तैयार होने के संकेत देते हुए AAP विधायक अमानुल्लाह खान ने कहा कि जरूरत पड़ी तो वह कांग्रेस के प्रधानमंत्री को भी समर्थन दे देंगे।
खान ने यह बात अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में कही।
बयान
'कांग्रेस के प्रधानमंत्री को भी देंगे समर्थन'
ओखला में दिल्ली वक्फ बोर्ड के कार्यक्रम में खान ने कहा कि लोग कह रहे हैं कि कांग्रेस को वोट इसलिए देंगे क्योंकि प्रधानमंत्री उनका बनेगा, हम कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री उनका बना तो हम भी कांग्रेस को समर्थन दे देंगे।
उन्होंने कहा कि यूपी में जैसे समाजवादी पार्टी लड़ रही है, वैसे ही दिल्ली में आप लड़ेगी।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में आप को वोट दो, बाद में कांग्रेस के प्रधानमंत्री को भी समर्थन देना पड़ा तो देंगे।
अरविंद केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा- केवल AAP भाजपा को रहा सकती है
कार्यक्रम में केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में केवल AAP ही भाजपा को हरा सकती है और अगर कांग्रेस में भाजपा को हराने की ताकत होती तो वह उसे सातों सीट दे देते।
वोटों के बंटवारे पर चेताते हुए उन्होंने कहा, "अगर वोटों का बंटवारा हुआ तो देश को बहुत बड़ा नुकसान होगा।"
मीडिया पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि टीवी वाले चुनावों को मोदी और राहुल के बीच मुकाबला बता रहे हैं, जैसे केवल वही लड़ रहे हैं।
अपील
'कांग्रेस को वोट न दें'
केजरीवाल ने कहा कि अगर 2019 में मोदी-शाह की वापसी हुई तो संविधान खतरे में पड़ जाएगा और वो हिटलर की तरह देश को तोड़ देंगे।
वोट गणित समझाते हुए उन्होंने कहा, "2014 में सातों सीट जीतने वाली भाजपा को 46 प्रतिशत वोट मिले थे। AAP को 33 और कांग्रेस को 15 प्रतिशत वोट मिले थे।"
उन्होंने कहा कि इस बार भाजपा को होने वाले नुकसान के वोट अगर कांग्रेस को गए तो भाजपा फिर से जीत जाएगी।
चुनावी गणित
केजरीवाल को है यह डर
केजरीवाल को डर सता रहा है कि अगर 2014 की तरह इस बार भी AAP दिल्ली से कोई भी लोकसभा सीट जीतने में असफल रही तो उसके देश में विस्तार पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह लग सकता है।
दिल्ली में रिकॉर्ड 67 सीटों के साथ जीत दर्ज करने वाली AAP इसके बाद कोई भी चुनाव जीतने में असफल रही है।
पंजाब, गोवा और हरियाणा में उसकी विस्तार की संभावनाओं को करारी हार के साथ बड़ा झटका लगा था।