जानलेवा साबित हो रही सर्दी, दिल्ली में पिछले 45 दिनों में 341 मौतें
पूरे उत्तर भारत में पड़ रही कड़ाके की ठंड लोगों पर कहर बनकर टूट रही है। अकेले दिल्ली में पिछले 45 दिनों में 341 लोग ठंड की वजह से जान गंवा चुके हैं। गैर-सरकारी संगठन सेंटर फॉर हॉलिस्टिक डिवेलपमेंट (CHD) की रिपोर्ट के मुताबिक, ठंड की वजह से दिसंबर में 235 और जनवरी में 96 लोग ठंड की चपेट में आकर दम तोड़ चुके हैं। आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में यह आंकड़ा और बढ़ेगा।
रैन बसेरों की कमी सबसे बड़ी समस्या
दिल्ली सरकार हर बार सर्दियों से पहले बेघर लोगों के रहने के लिए इंतजाम करने की बात कहती है, लेकिन हर बार ये इंतजाम कम पड़ जाते हैं। CHD के मुताबिक, दिल्ली में लगभग एक लाख लोग बेघर हैं और रैन बसेरों की क्षमता कुछ हजारों में है। इसलिए बड़ी संख्या में दिहाड़ी-मजदूरी करने वाले लोग खुले में सोने को मजबूर हैं। CHD ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिख इस ओर ध्यान देने की मांग की है।
इन समाधानों की मांग
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, CHD के सदस्य सुनील ने बताया कि दिल्ली में लगभग 7,032 बेघर वोटर रजिस्टर्ड हैं, जबकि कुल बेघर लोगों को संख्या कहीं ज्यादा है। उन्होंने सरकार से इन लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं, समय-समय पर स्वास्थ्य जांच आदि की मांग की है। इसके अलावा उन्होंने सरकार से मांग की है कि सबवे, फ्लाइओवर आदि के नीचे बेघर लोगों को रहने की सुविधा दी जाए।
दिल्ली में रैन बसेरों के लिए जिम्मेदार हैं डूसिब
दिल्ली में रैन बसेरों के इंतजाम की जिम्मेदारी दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब) की है। डूसिब दिल्ली में लगभग 200 रैन बसेरे संचालित करता है। डूसिब ने इन मौतों के आंकड़ें से इनकार किया है। डूसिब के सदस्य बिपिन राय ने कहा कि ठंड से किसी व्यक्ति की मौत की कोई जानकारी नहीं है। पिछले साल भी दिल्ली में ऐसी मौतों की घटना हुई थी, जिसके बाद केजरीवाल ने डूसिब प्रमुख को कड़ी फटकार लगाई थी।