#NewsBytesExplainer: संसद के अंदर कितना पैसा ले जा सकते हैं सांसद, क्या कहते हैं नियम?
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान आज राज्यसभा में कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी की सीट से नोटों की गड्डी मिलने पर खूब हंगामा हुआ। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि सीट से नोटों की गड्डी मिली है और मामले की जांच हो रही है। भाजपा ने भी जांच की मांग की है, लेकिन सिंघवी ने आरोपों को सिरे से नकारा है। आइए जानते हैं संसद में पैसे ले जाने से जुड़े क्या-क्या नियम हैं।
सबसे पहले जानिए क्या है मामला?
सभापति धनखड़ ने कहा कि गुरुवार को सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद अधिकारियों ने जानकारी दी कि सीट नंबर 222 से नगदी मिली है। बता दें कि इस सीट पर तेलंगाना से कांग्रेस सांसद सिंघवी बैठते हैं। धनखड़ ने आगे बताया कि इस मामले में नियमों के मुताबिक जांच होनी चाहिए और हो भी रही है। इस पर कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आपत्ति जताई कि जांच पूरी होने तक सिंघवी का नाम नहीं लेना चाहिए था।
पैसे ले जाने को लेकर क्या कहते हैं नियम?
सांसदों के लिए संसद में पैसे या निजी सामान ले जाने पर प्रतिबंध को लेकर कोई स्पष्ट कानून नहीं है। सांसदों को अपने पर्स में पैसे रखने से रोकने के लिए कोई औपचारिक नियम नहीं है, लेकिन इस संबंध में कुछ मोटे दिशा-निर्देश हैं। सदन के अंदर बड़ी मात्रा में पैसे का प्रदर्शन या उपयोग वर्जित है। संसद के अंदर पैसे का उपयोग या प्रदर्शन सदन की मर्यादा और गरिमा को कम कर सकता है।
क्या-क्या निजी वस्तुएं ले जा सकते हैं सांसद?
सांसदों को व्यक्तिगत सामान जैसे कि छोटा पर्स या बैग ले जाने की अनुमति है। महिला सांसद लटकाने वाला पर्स भी ले जा सकती हैं। इसके अलावा सांसद विधायी कार्य के लिए जरूरी कागजात, भाषण या सदन की चर्चा में भाग लेने के लिए तैयार की गई सामग्री, पेन और दूसरे जरूरी सामान, पानी और नाश्ते के हल्के-फुल्के सामान ले जा सकते हैं। पहले से अनुमति लेकर सांसद अपने साथ मोबाइल फोन, टैबलेट या लैपटॉप भी लेकर जा सकते हैं।
किन सामग्रियों पर है प्रतिबंध?
सांसद सदन या इसकी कार्यवाही के प्रति अभद्र या अनुचित सामग्री, विरोध प्रदर्शन के लिए तख्तियां, पोस्टर या बैनर, बड़ी मात्रा में नकदी, किसी भी प्रकार के हथियार या सुरक्षा उपकरण, सीटी या दूसरे शोर पैदा करने वाले उपकरण संसद में नहीं ले जा सकते हैं। सदन में वीडियो कैमरा या ऑडियो रिकॉर्डर पर भी प्रतिबंध है, लेकिन विशेष मौकों पर अनुमति के बाद इनका इस्तेमाल किया जा सकता है।
नियम तोड़ने पर क्या कार्रवाई हो सकती है?
अगर किसी सांसद के पास प्रतिबंधित वस्तुएं पाई जाती हैं या वह सदन के प्रति अनुचित व्यवहार करता है तो संसद की अनुशासन समिति उसके खिलाफ कार्रवाई करती है। दोषी सांसद को निलंबन या अन्य प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।
संसद में पहले कब आए नगदी से जुड़े मामले?
2008 में भाजपा के 3 सांसद संसद में एक करोड़ रुपये नगद लेकर आए और दावा किया कि अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट करने के लिए उन्हें रिश्वत दी गई थी। तीनों सांसदों ने नोट लहराए भी थे। 2013 में देश में नकली नोटों की समस्या की ओर ध्यान दिलाने के लिए एक सांसद ने संसद में नकली नोटों का बंडल लहराया था। 2015 में एक सांसद ने सदन में मिर्च स्प्रे उड़ा दिया था।
मामले पर सिंघवी का क्या कहना है?
सिंघवी ने कहा, "मैं जब राज्यसभा जाता हूं तो 500 का सिर्फ एक नोट लेकर जाता हूं। मैंने ऐसा पहली बार सुना है। मैं सदन में 12:57 बजे पहुंचा था। एक बजे भोजन का अवकाश हो गया। डेढ़ बजे तक मैंने सांसद अयोध्या प्रसाद रेड्डी के साथ संगम भोजनालय में भोजन किया।फिर एक जरूरी मामले की सुनवाई के चलते सुप्रीम कोर्ट लौट आया।" कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी मामले को साजिश करार दिया है।