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कंधों की अकड़न को दूर कर सकते हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास
इन योगासनों से कंधों की अकड़न होगी दूर

कंधों की अकड़न को दूर कर सकते हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास

लेखन अंजली
Sep 14, 2021
06:45 am

क्या है खबर?

कई बार घर या ऑफिस के ज्यादा कामकाज, गलत तरीके से उठने-बैठने या असामान्य गतिविधियों के कारण कई तरह की शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन्हीं समस्याओं में से एक है कंधों का अकड़ना जिसे अक्सर कई लोग सामान्य समझकर नजरअंदाज कर देते हैं और यही लापरवाही भविष्य में उन्हें भारी पड़ सकती है। आइए आज आपको कुछ ऐसे योगासनों के अभ्यास का तरीका बताते हैं जिन्हें अपनाकर आप कंधों की अकड़न से छुटकारा पा सकते हैं।

#1

गरुड़ासन

गरुड़ासन के अभ्यास के लिए पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और इस दौरान सामान्य रूप से सांस लेने की प्रक्रिया जारी रखें। अब पूरे शरीर का संतुलन दाएं पैर पर ले आएं और बाएं पैर को घुटने की पीछे हिस्से के ऊपर ले जाएं। फिर अपनी दोनों बाजुओं को कोहनी से मोड़ते हुए क्रास बना लें और इस मुद्रा में जितनी देर हो सके, खुद को बनाकर रखें। इसके बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।

#2

अधोमुख श्वानासन

अधोमुख श्वानासन के लिए पहले योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठें। अब सामने की तरफ झुकते हुए अपने हाथों को जमीन पर रखें और गहरी सांस लेते हुए कमर को ऊपर उठाएं। इस दौरान घुटनों को सीधा करके सामान्य रूप से सांस लेते रहें। इस योगासन में शरीर का पूरा भार हाथों और पैरों पर होना चाहिए और शरीर का आकार 'V' जैसा नजर आना चाहिए। कुछ मिनट इसी अवस्था में रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।

#3

पर्श्वोत्तनासन

पर्श्वोत्तनासन करने के लिए पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं, फिर अपने दाहिने पैर को थोड़ा आगे की ओर बढ़ाएं और अपने दोनों हाथों से पीठ के पीछे प्रार्थना की मुद्रा बनाएं। अब बिना घुटनों को मोड़े आगे की ओर झुकने की कोशिश करें। कुछ देर इसी मुद्रा में रहने के बाद सामान्य हो जाएं। इस अभ्यास के दौरान अगर आप अपने हाथों को पीठ के पीछे नहीं कर पा रहे हैं तो उन्हें जमीन से सटाएं।

#4

उष्ट्रासन

उष्ट्रासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योगा मैट बिछाकर उस पर घुटनों के बल बैठ जाएं और फिर घुटनों के बल ही खड़े हो जाएं। अब सामान्य रूप से सांस लेते हुए पीछे की ओर झुकें और दाईं हथेली को दाईं एड़ी पर और बाईं हथेली को बाईं एड़ी पर रखने की कोशिश करें। इस मुद्रा में कम से कम एक-दो मिनट रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं और कुछ मिनट विश्राम करें।